चंडीगढ़, 28 अगस्त : आर्थिक तंगी से जूझ रही पंजाब सरकार ने खजाना भरने के लिए पंचायती और शामलात ज़मीनें बेचने की तैयारी कर ली है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरपंचों को पंचायती ज़मीन बेचने के संबंध में प्रस्ताव पेश करने के आदेश जारी किए हैं। कई सरपंचों का कहना है कि प्रस्ताव पेश न करने पर उन्हें विभागीय कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है, जिससे सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों में डर का माहौल है। सरपंचों का कहना है कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें जीवन भर ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।
खाली पड़ी ज़मीनों की पहचान करने के निर्देश
बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा के नेतृत्व में कल हुई एक बैठक में अधिकारियों को खाली पड़ी ज़मीनों की पहचान करने के निर्देश दिए गए ताकि इन ज़मीनों का उपयोग किया जा सके। पंचायत विभाग के अलावा स्थानीय निकाय विभाग और कई अन्य विभागों की ज़मीनों की भी पहचान की गई है।
बताया जा रहा है कि सरकार की नजर बड़े शहरों के पास बसे गांवों की जमीनों पर है ताकि इन जमीनों को बेचकर खजाना भरा जा सके। सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों के कड़े विरोध के बाद सरकार ने लैंड पूलिंग स्कीम वापस ले ली है, लेकिन अब पंचायत एवं स्थानीय निकाय विभाग की जमीन बिकने को तैयार है, जबकि शहरी विकास विभाग की जमीन को खुली बोली के जरिए बेचने को लेकर बीते दिन विज्ञापन भी जारी कर दिया गया।
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