चंडीगढ़, 19 जुलाई : संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में ऐलान किया है कि पंजाब सरकार लैंड पूलिंग नीति को रद्द करे, अन्यथा पंजाब सरकार के खिलाफ वैसा ही विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जैसा तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में किया गया था। एसकेएम सदस्यों ने दो हिस्सों में कहा कि सरकार को नीति वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा। किसान भवन में हुई इस बैठक में आम आदमी पार्टी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ, जबकि भाजपा और कांग्रेस समेत राज्य के 10 राजनीतिक दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा को अपना समर्थन दिया।
एस.के.एम. के बुलाने पर भी नहीं आए ‘आप’ नेता
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बैठक में शामिल होने का निमंत्रण कैबिनेट मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा को दिया गया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह बैठक में शामिल होंगे। इसके बावजूद सरकार का कोई प्रतिनिधि बैठक में नहीं आया। अहम बात यह है कि 2020 में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा पर निशाना साधा था। शुक्रवार को हुई बैठक में भाजपा प्रतिनिधि डॉ. सुभाष शर्मा और केवल ढिल्लों भी शामिल हुए, जबकि कांग्रेस के पूर्व मंत्री रणदीप नाभा और हैप्पी खेड़ा बैठक में देरी से पहुंचे। सुभाष शर्मा ने कहा कि भाजपा लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ है।
भाजपा, कांग्रेस का किसानों को समर्थन
पार्टी किसानों से संपर्क अभियान चला रही है। इस बीच, केवल ढिल्लों ने भी कहा कि भाजपा किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने ऐलान किया कि पंजाब सरकार जहाँ भी ज़मीन अधिग्रहण कर रही है, वहाँ संयुक्त किसान मोर्चा 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। हरिंदर लखोवाल ने कहा कि 24 अगस्त को मुल्लांपुर दाखा (लुधियाना) में एक आम सभा होगी।
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