चंडीगढ़/नई दिल्ली, 28 नवंबर : 6वें प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट (पी पी आई एस )–2026 से पहले की अंतरराष्ट्रीय पहल के तहत पंजाब सरकार ने आज नई दिल्ली में खाड़ी सहयोग परिषद (जी सी सी) देशों और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सी आई एस) क्षेत्र के राजदूतों के साथ दो गोलमेज़ बैठकें आयोजित कीं। इन बैठकों की अध्यक्षता उद्योग एवं वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन, बिजली तथा प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने की।
इन बैठकों में विभिन्न देशों के राजदूतों, वरिष्ठ कूटनीतिक प्रतिनिधियों, विदेश मंत्रालय (एम ई ए ) के अधिकारियों तथा पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। दोनों बैठकें श्री के.के. यादव, आई ए एस, प्रशासकीय सचिव, निवेश प्रोत्साहन विभाग के स्वागत भाषण से प्रारंभ हुईं। इसके बाद “एडवांटेज पंजाब” प्रस्तुति दी गई, जिसमें राज्य के सशक्त औद्योगिक वातावरण, निवेश-तैयार बुनियादी ढांचे, नीतिगत सुधारों तथा कृषि, कृषि-तकनीक, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, स्वास्थ्य सेवाओं और विनिर्माण में उभरते अवसरों का विस्तृत विवरण दिया गया।
राजदूतों ने पंजाब की प्रस्तुति की सराहना की
जी सी सी गोलमेज़ बैठक में कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन के राजदूतों ने भाग लिया, जो पंजाब के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए जी सी सी ब्लॉक की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राजदूतों ने पंजाब की प्रस्तुति की सराहना की और कहा कि विश्वस्तरीय बंदरगाहों, मजबूत लॉजिस्टिक्स प्रणालियों तथा अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक संपर्क के कारण जी सी सी क्षेत्र पंजाब और भारत के लिए एक प्रमुख निर्यात द्वार बन सकता है। उन्होंने पंजाब की विनिर्माण क्षमता, कुशल मानव संसाधन, उद्यमशीलता और जी सी सी की आर्थिक विविधता के बीच मजबूती से जुड़ने वाली समानताओं का उल्लेख किया।
समृद्ध पर्यटन संभावनाओं की प्रशंसा की
सी आई एस गोलमेज़ बैठक में कज़ाकिस्तान, रूस, आर्मेनिया और बेलारूस के राजदूतों ने हिस्सा लिया। इन देशों ने पंजाब के साथ दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने में गहरी रुचि दिखाई। कज़ाकिस्तान के राजदूत ने शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति, तथा व्यापार और निर्यात को सहयोग के तीन प्रमुख स्तंभ बताते हुए पंजाब की मजबूत अकादमिक संस्थाओं, आधुनिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध पर्यटन संभावनाओं की प्रशंसा की।
रूसी संघ के राजदूत ने पंजाब के साथ कृषि व्यापार विशेषकर चावल और टमाटर उत्पादों को बढ़ाने की विशाल संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने रेलवे, पेट्रो-केमिकल, फिनटेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एयरोस्पेस, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में सहयोग की संभावनाएं भी उजागर कीं। उन्होंने भारत-रूस राष्ट्रीय स्तर सहयोग मंच में पंजाब की भागीदारी का स्वागत किया।
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