चंडीगढ़, 15 अक्तूबर : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की और उन्हें पंजाब में निवेश का न्योता दिया। बेंगलुरु को देश का सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र और सिलिकॉन वैली कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि छठा प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन 13, 14 और 15 मार्च, 2026 को मोहाली में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने सभी निवेशकों को इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाग लेने का न्योता दिया और कहा कि यह सम्मेलन उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा। मान ने उद्योगपतियों से उद्योग-हितैषी नीतियों में सक्रिय योगदान देने की भी अपील की।
मान ने कहा कि साहस, कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता की भावना पंजाब की धरती में गहराई से समाई हुई है। पंजाब ने न केवल देश की सीमाओं की रक्षा की है, बल्कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसीलिए पंजाब को भारत का ‘अन्नदाता’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को ₹1.23 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे लगभग 4.7 लाख युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
तीन दिन में 125 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी
फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत की सबसे उन्नत सिंगल-विंडो प्रणाली है, जो 150 से ज़्यादा व्यावसायिक सेवाओं तक पहुँच प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि पंजाब राइट टू बिज़नेस एक्ट के तहत, राज्य सरकार ने 125 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली परियोजनाओं को तीन दिनों के भीतर सैद्धांतिक मंज़ूरी देने की व्यवस्था की है। मान ने आगे बताया कि मंज़ूरी देने के लिए 45 दिनों की समय-सीमा तय की गई है। अगर इस अवधि के भीतर मंज़ूरी जारी नहीं की जाती, तो उन्हें स्वतः ही मंज़ूर मान लिया जाता है।
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