चंडीगढ़, 31 अक्तूबर : पंजाब सरकार ने इस बार धान की खरीद 16 सितंबर से शुरू कर दी थी, लेकिन खरीद लक्ष्य 70 प्रतिशत के करीब ही रहने की संभावना है। पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ और भारी बारिश के कारण पंजाब सरकार केंद्रीय पूल में खरीद का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी।
खरीद लक्ष्य से 40 फीसदी दूर सरकार
हालांकि राज्य में पंजाब की विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा धान की खरीद जारी है, लेकिन मंडियों में धान की आवक तेजी से कम हो गई है, जिससे धान खरीद का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार तक 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई, जो खरीद के लक्ष्य का 60 प्रतिशत है।
चीनी वायरस का हमला घातक साबित हुआ
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस साल 170 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा था। राज्य सरकार के आदेशानुसार जून के पहले सप्ताह से ही धान की बुवाई शुरू हो गई थी और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 16 सितंबर से खरीद शुरू की थी। राज्य में बाढ़, भारी बारिश और मौसम में अचानक बदलाव के कारण धान पर हल्दी रोग और चीनी वायरस का हमला घातक साबित हुआ है।
धान की कटाई के बाद प्रति एकड़ कम हुई पैदावार ने किसानों के चेहरों पर निराशा और परेशानी ला दी है। जहां एक तरफ बाढ़ के कारण सीमावर्ती क्षेत्र की पूरी फसल तबाह हो गई है, वहीं दूसरी तरफ भारी बारिश, बौना रोग और हल्दी रोग के कारण धान की पैदावार में 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ की कमी आई है। पंजाब के आठ जिलों में 3 लाख एकड़ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिसके कारण धान की फसल का सरकारी खरीद लक्ष्य भी कम कर दिया गया है।
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