October 6, 2025

भारत पर ट्रंप के टैरिफ़ का तोड़! रूस ने निकाला समाधान

भारत पर ट्रंप के टैरिफ़ का तोड़...

मास्को, 21 अगस्त : पिछले कुछ दिनों से रूस से तेल आयात को लेकर भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ़ तनाव बढ़ रहा है। इस बीच, रूस का कहना है कि उसके कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि यह बहुत सस्ता है। यह बात वरिष्ठ रूसी राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने कही।

उन्होंने कहा कि भारत को रूसी कच्चे तेल पर लगभग 5 प्रतिशत की छूट मिल रही है। भारत समझता है कि तेल आपूर्ति में बदलाव के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इससे उसे भारी लाभ हो रहा है। रूस ने भारत पर अमेरिकी दबाव को भी गलत बताया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंध बिगड़ रहे हैं।

भारतीय सामान रूस आ सकता है

गौरतलब है कि अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। बाबुश्किन ने कहा कि यह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन हमें भारत के साथ अपने संबंधों पर पूरा भरोसा है। हमें विश्वास है कि बाहरी दबाव के बावजूद भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में नहीं आ सकता, तो वह रूस आ सकता है।

पश्चिमी देशों ने मास्को पर प्रतिबंध लगा दिए

भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, पश्चिमी देशों ने मास्को पर प्रतिबंध लगा दिए और कच्चे तेल की आपूर्ति रोक दी, जिसके बाद भारत ने कम कीमत पर रूसी तेल खरीदना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप, कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 2024-25 में बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गई, जो 2019-2020 में केवल 1.7 प्रतिशत थी। बाबुश्किन ने कहा कि दोनों पक्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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