तेहरान/रियाद, 4 जुलाई : हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच पिछले महीने हुए 12 दिनों के युद्ध के संदर्भ में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस दौरान, कट्टर इस्लामिक देश सऊदी अरब ने इजरायल की सहायता के लिए ईरान के खिलाफ गुप्त रूप से एक अभियान में भाग लिया। यह स्थिति और भी दिलचस्प है क्योंकि सऊदी अरब एक ओर ईरान पर इजरायल के हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा कर रहा था, जबकि दूसरी ओर वह ईरानी ड्रोन को नष्ट करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा था।
दोस्ती का ढोंग करके दिया धोखा
ईरानी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब की वायु सेना ने इराक और जॉर्डन के ऊपर उड़ान भरने वाले मानव रहित हवाई वाहनों को नष्ट करने के लिए हेलीकॉप्टरों को तैनात किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सऊदी अरब ने अपनी रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए गुप्त रूप से इजरायल का समर्थन किया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से कुछ ड्रोन इजरायल की ओर बढ़ सकते थे, लेकिन सऊदी अरब के क्षेत्र की सुरक्षा के तहत उन्हें पहले ही रोक दिया गया। हालांकि, रियाद ने आधिकारिक तौर पर इन अभियानों में शामिल होने की पुष्टि नहीं है। लेकिन यह खुलासा यहूदी देश के साथ गुप्त तरीके से बढ़ते सऊदी सहयोग के बारे में बताता है।
सऊदी ने की थी ईरान पर हमले की निंदा
सऊदी अरब उन दर्जनों मुस्लिम बहुल देशों में से एक था, जिन्होंने ईरान के खिलाफ इजरायली कार्रवाई की निंदा की थी। रियाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा था कि ईरानी क्षेत्र पर किसी भी हमले के लिए सऊदी हवाई क्षेत्र को नहीं खोला जाएगा। लेकिन बाद में सऊदी अरब ईरानी ड्रोनों के रोकने के विशाल अभियान में शामिल हुआ, जिसमें जॉर्डन, ब्रिटेन, फ्रांस शामिल थे और इसकी अगुवाई अमेरिकी सेंट्रल कमांड कर रही थी।
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