October 5, 2025

जर्मनी के म्यूनिख एयरपोर्ट पर कई ड्रोन देखे गए, लोगों में दहशत; 17 उड़ानें रद्द

जर्मनी के म्यूनिख एयरपोर्ट पर कई ड्रोन...

म्यूनिख, 3 अक्तूबर : जर्मनी के दूसरे सबसे व्यस्त म्यूनिख हवाई अड्डे पर गुरुवार शाम एक ड्रोन दिखाई देने के कारण हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा। हवाई अड्डा प्रशासन के अनुसार, ड्रोन दिखाई देने के कारण 17 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे लगभग 3,000 यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई। दरअसल, जर्मनी के म्यूनिख हवाई अड्डे पर एक ड्रोन दिखाई देने से अफरा-तफरी मच गई। 17 उड़ानें रद्द होने के साथ ही, आने वाली 15 अन्य उड़ानों को स्टटगार्ट, नूर्नबर्ग, वियना और फ्रैंकफर्ट की ओर मोड़ दिया गया।

6 महीनों में 20 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की

जर्मनी का म्यूनिख हवाई अड्डा सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है, जिसने पिछले छह महीनों में लगभग 2 करोड़ यात्रियों का आवागमन किया है। इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के बीच ड्रोन अलर्ट ने न केवल हवाई अड्डे, बल्कि पूरे विमान सेवा तंत्र को प्रभावित किया। पिछले हफ़्ते ही डेनमार्क के कई हवाई अड्डों पर ड्रोन देखे गए थे। इस बीच, डेनमार्क ने सभी नागरिक उड़ानें निलंबित कर दीं, जिससे लगभग 10,000 यात्रियों की यात्रा बाधित हुई।

ड्रोन देखे जाने से हवाई यातायात बाधित

जर्मन हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों ने गुरुवार रात 10:18 बजे (2018 GMT) से म्यूनिख हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन स्थगित कर दिया। कई बार ड्रोन देखे जाने के कारण बाद में उड़ान संचालन पूरी तरह से स्थगित कर दिया गया। ड्रोन देखे जाने के तुरंत बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचित कर दिया गया।

गौरतलब है कि जर्मन शहर म्यूनिख में पहले से ही हड़कंप मचा हुआ था जब शहर के उत्तरी हिस्से में एक आवासीय इमारत में बम की धमकी मिली और कुछ विस्फोटक बरामद हुए। इसके चलते प्रसिद्ध अक्टूबरफेस्ट को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था।

डेनमार्क में भी ड्रोन देखे गए

डेनमार्क में भी ड्रोन देखे गए। पिछले हफ़्ते, डेनमार्क के हवाई क्षेत्र में एक ड्रोन देखे जाने से एक हवाई अड्डे पर नागरिक उड़ानें बाधित हुईं। डेनमार्क ने यह नहीं बताया कि इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है, लेकिन डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने संकेत दिया है कि रूस ज़िम्मेदार हो सकता है। प्रधानमंत्री मेटे ने कहा, “यूरोप को अब अपनी सुरक्षा मज़बूत करनी होगी। हमें न केवल अपनी ड्रोन निर्माण क्षमताएँ बढ़ानी होंगी, बल्कि ड्रोन-रोधी प्रणालियाँ भी विकसित करनी होंगी।”

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