चंडीगढ़, 27 सितंबर : विदेशों में भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला अमेरिका से सामने आया है। 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर, जो 30 साल से ज़्यादा समय से अमेरिका में रह रही हैं, को हिरासत के दौरान कथित तौर पर गंभीर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। उनके वकील दीपक अहलूवालिया ने बताया कि हिरासत में उन्हें खाना या दवा नहीं दी गई और जब उन्होंने दवा लेने के लिए पानी माँगा, तो उन्हें सिर्फ़ बर्फ़ की एक प्लेट दी गई।
दवा के लिए पानी की जगह बर्फ
इसके अलावा, जब हरजीत कौर ने बताया कि उनके दाँतों में कृत्रिम दांत हैं और वे खाना चबा नहीं सकतीं, तो एक अमेरिकी गार्ड ने कथित तौर पर कहा कि यह आपकी गलती है।वकील अहलूवालिया ने कहा कि अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के अधिकारियों ने कौर के साथ “अस्वीकार्य” व्यवहार किया। उन्हें 60-70 घंटे तक बिना बिस्तर के हिरासत में रखा गया और ज़मीन पर सोने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उनके दोनों घुटनों की सर्जरी हो चुकी थी।
अहलूवालिया ने कहा, “उन्हें बिस्तर नहीं दिया गया और उन्हें एक होल्डिंग रूम में सोना पड़ा। वहाँ सिर्फ़ एक कंक्रीट की बेंच थी। उन्हें कंबल ओढ़कर ज़मीन पर सोना पड़ा। घुटने की सर्जरी के कारण उठना बहुत मुश्किल था।”
दवा और भोजन न मिलने से परेशानी
वकील ने बताया कि जब हरजीत कौर ने दवा लेने के लिए खाना माँगा, तो उसकी बात अनसुनी कर दी गई। उसे सिर्फ़ एक चीज़ सैंडविच दिया गया। जब उसने दोबारा खाना या पानी माँगा, तो उसे सिर्फ़ एक प्लेट बर्फ दी गई। 8 सितंबर को, उसे इमिग्रेशन चेक-इन के दौरान हिरासत में लिया गया और बेकर्सफ़ील्ड डिटेंशन सेंटर में रखा गया। 10 सितंबर को, उसे हथकड़ी लगाकर लॉस एंजिल्स, फिर जॉर्जिया, आर्मेनिया और आखिरकार गुरुवार को दिल्ली ले जाया गया।
दिल्ली पहुंचकर महिला ने क्या कहा?
दिल्ली पहुँचने के बाद हरजीत कौर ने कहा, “इतने सालों तक वहाँ रहने के बाद अचानक नज़रबंदी और निर्वासन का सामना करने से तो मर जाना ही बेहतर है। ऐसे हालात में जीना मुश्किल है। देखिए, मेरे पैर सूज गए हैं। मुझमें न तो दवा बची है और न ही चलने की ताकत।”
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