October 5, 2025

आवारा कुत्ते 97 प्रतिशत रेबीज मामलों का कारण हैं: डॉ. सिमरनप्रीत कौर

आवारा कुत्ते 97 प्रतिशत रेबीज मामलों...

लुधियाना, 30 सितंबर : गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के सेंटर फॉर वन हेल्थ की वैज्ञानिक डॉ. सिमरनप्रीत कौर ने रेबीजकॉन 2025 सम्मेलन में ‘वन हेल्थ परिप्रेक्ष्य: रेबीज उन्मूलन में पशु चिकित्सकों की भूमिका’ विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था।

डॉ. सिमरन ने कहा कि भारत में रेबीज के 97 प्रतिशत मामले आवारा कुत्तों के कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में पशु चिकित्सकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि रेबीज को नियंत्रित करने के लिए कुत्तों का टीकाकरण, निगरानी, ​​सामाजिक जागरूकता और शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मानव और पशु चिकित्सकों के बीच पेशेवर समन्वय से ही इस क्षेत्र में बहुत लाभ प्राप्त किया जा सकता है, जिससे हम 2030 तक रेबीज से होने वाली मौतों को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने सेंटर फॉर वन हेल्थ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह केंद्र पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने में अच्छा काम कर रहा है । उन्होंने कहा कि जागरूकता, टीकाकरण, शैक्षिक कार्यक्रमों और विभिन्न हितधारकों के सहयोग से हम इस समस्या का उचित समाधान ढूंढ सकते हैं। सेंटर फॉर वन हेल्थ के निदेशक डॉ. जसबीर सिंह बेदी ने डॉ. सिमरनप्रीत कौर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह केंद्र राज्य द्वारा लागू की जा रही कार्ययोजना पर लगातार काम कर रहा है।

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