October 24, 2025

पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी! उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई

पंजाब में पराली जलाने के मामलों में...

पटियाला, 22 अक्तूबर : पंजाब में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस साल 15 सितंबर से 21 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 415 घटनाएँ दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,510 घटनाएँ हुई थीं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में इस अवधि के दौरान पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 1,764 थी।

जागरूकता अभियानों का भी असर पड़ा

अक्टूबर के पहले सप्ताह तक राज्य में बारिश के कारण धान की कटाई में देरी के बीच यह गिरावट आई है। पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान ने भी कुछ क्षेत्रों में कटाई में देरी की। अधिकारियों का कहना है कि किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए सख्त क्षेत्र निगरानी और जागरूकता अभियानों का भी असर पड़ा है। पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पंजाब में धान की खेती का कुल रकबा 31.72 लाख हेक्टेयर है।

21 अक्टूबर तक इस क्षेत्र के 32.84 फीसदी हिस्से की कटाई हो चुकी है। तरनतारन जिले में 67.95 फीसदी धान के रकबे की कटाई हो चुकी है। अमृतसर में यह आंकड़ा 70 फीसदी है। इन दोनों जिलों में पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं देखी गई हैं। चूंकि ज्यादातर जिलों में कटाई जोरों पर है और किसान आने वाले दिनों में गेहूं की बुवाई के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं, यह देखना बाकी है कि क्या यह संख्या आगे बढ़ेगी।

आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई

पीपीसीबी के अनुसार, अब तक पराली जलाने के 189 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 9.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुल राशि में से 6.25 लाख रुपये वसूल किए जा चुके हैं। इसके अलावा, पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में 170 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 50 एफआईआर शामिल हैं।

यह भी देखें : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का 27 जजों के तबादले,अदालतों की स्थापना पर बड़ा फैसला