नई दिल्ली, 27 अक्तूबर : CJI सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि CJI ने स्वयं संबंधित वकील के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अदालत में नारे लगाना और जूते फेंकना स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना का मामला है, लेकिन कानून के तहत आगे बढ़ना या न बढ़ना संबंधित न्यायाधीश पर निर्भर करता है।
पीठ ने कहा, “अवमानना नोटिस जारी करने से उस वकील को अनुचित महत्व मिलेगा जिसने मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की थी।” पीठ ने कहा कि इस घटना को स्वाभाविक रूप से खत्म होने दिया जाना चाहिए। पीठ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी।
किशोर ने 6 अक्टूबर को अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका था। हालाँकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश बनाने पर विचार करेगी।
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