चंडीगढ़, 12 सितंबर : हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लासगो में आयोजित सीओपी-26 सम्मेलन में घोषित पंचामृत लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में अहम साबित होगा। इन लक्ष्यों में 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता हासिल करना, ऊर्जा की 50 प्रतिशत जरूरत नवीकरणीय स्रोतों से पूरी करना, 1 बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन घटाना, 2005 के स्तर से कार्बन तीव्रता 45 प्रतिशत तक कम करना और 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करना शामिल है।
अंबाला में फिलीपींस से आए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक के दौरान श्री विज ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, जिसमें ग्रीन एनर्जी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि में ग्रीन एनर्जी अहम
बैठक के दौरान “ग्रीनटेक सिस्टम्स और क्लाइमेट स्मार्ट सॉल्यूशन्स” पर एक प्रस्तुति भी दी गई। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सुश्री जेनी लिन ग्रानाडोस मानो, सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष, सनस्मार्ट सोलर पावर टेक्नोलॉजी इंक. और डॉ. कबीर केवी, सीईओ, एएनपीएम कर रहे थे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गुरुग्राम स्थित इंटरनेशनल सोलर अलायंस अब 120 से अधिक देशों को “वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड” के विजन से जोड़ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत 119 गीगावाट स्थापित सौर क्षमता के साथ दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। राजस्थान का 2200 मेगावाट का भादला सोलर पार्क, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और पीएम-कुसुम जैसी योजनाओं ने सौर ऊर्जा को सस्ता और सुलभ बनाया है। साथ ही, 2030 तक 5 एमटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखते हुए राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भी शुरू किया गया है।
हरियाणा ने 2.1 गीगावाट सोलर क्षमता हासिल की
हरियाणा की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री विज ने बताया कि राज्य में पहले ही 2.1 गीगावाट से अधिक सौर क्षमता स्थापित की जा चुकी है और रूफटॉप सोलर को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। पीएम-कुसुम योजना के तहत 1.65 लाख से अधिक सौर पंप किसानों को वितरित किए गए हैं। प्रमुख परियोजनाओं में पानीपत में 10 मेगावाट का सौर संयंत्र, 448 मेगावाट ग्राउंड-माउंटेड प्रोजेक्ट्स, 13 स्वीकृत सोलर पार्क और पंचकूला को मॉडल सोलर सिटी घोषित करना शामिल है।
जुलाई 2025 तक, हरियाणा की कुल नवीकरणीय क्षमता 6,264 मेगावाट तक पहुँच चुकी है, जो राज्य की कुल उत्पादन क्षमता का 38.6 प्रतिशत है।
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