नई दिल्ली, 2 सितम्बर : प्राथमिक और जूनियर कक्षाओं, यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो साल के अंदर टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करनी होगी, वरना उनकी नौकरी चली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देशभर के उन प्राथमिक और जूनियर शिक्षकों पर समान रूप से लागू होगा, जिनकी नियुक्ति शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून लागू होने से पहले हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जो शिक्षक सेवा में हैं और उनकी सेवा में पांच साल से ज़्यादा का समय बचा है, उन्हें भी सेवा में बने रहने के लिए दो साल के अंदर टीईटी पास करना होगा।
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों का मामला बड़ी पीठ को भेजा गया
प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के कार्यरत शिक्षकों के संबंध में यह महत्वपूर्ण फैसला सोमवार को न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर दिया। न्यायालय ने 110 पृष्ठों का विस्तृत फैसला सुनाया है। इसमें अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने का मुद्दा भी शामिल था। पीठ ने इसे विचार के लिए वृहद पीठ के पास भेज दिया है।
अल्पसंख्यक संस्थान, चाहे वे धार्मिक अल्पसंख्यक हों या भाषाई अल्पसंख्यक, के मुद्दे को विचार के लिए वृहद पीठ के पास भेज दिया है और उनका मामला उचित आदेश के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने अल्पसंख्यक संस्थानों के संबंध में विचारणीय प्रश्न भी निर्धारित किए हैं, जिन पर वृहद पीठ विचार करेगी।
टीईटी पास न करने पर हो सकती है अनिवार्य सेवानिवृत्ति
कोर्ट ने कहा कि जो शिक्षक आरटीई एक्ट लागू होने से पहले नियुक्त हुए थे और जिनकी सेवानिवृत्ति में पांच साल से अधिक का समय बचा है, यानी जिनकी पांच साल से अधिक की सेवा बची है, उन्हें सेवा में बने रहने के लिए इस आदेश के दो साल के भीतर टीईटी पास करना होगा। अगर वे तय समय में टीईटी पास नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। हालांकि, उन्हें वे सेवानिवृत्ति लाभ दिए जाएंगे जिनके वे हकदार हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्ति का लाभ पाने के लिए शिक्षकों को नियमानुसार निश्चित अवधि की सेवा पूरी करनी होगी। अगर कोई शिक्षक अपेक्षित समय तक सेवा देने की शर्त पूरी नहीं कर पाता है तो उसकी सेवा कम हो जाती है तो वह संबंधित सरकार को ज्ञापन दे सकता है और विभाग उसके ज्ञापन पर विचार कर सकता है। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो नियुक्ति की उम्मीद कर रहे हैं और जो सेवा में हैं और पदोन्नति के साथ नियुक्ति पाने की उम्मीद कर रहे हैं तो उनके लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा, अन्यथा उनकी उम्मीदवारी पर विचार नहीं किया जाएगा।
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