चंडीगढ़, 23 अगस्त : चंडीगढ़ प्रशासन ने बुड़ैल जेल में बंद कैदियों की ज़िंदगी बदलने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब सजा काटने के बजाय कैदियों को अपना भविष्य संवारने का मौका भी मिलेगा। इसके तहत जेल में आईटीआई कोर्स शुरू किए जा रहे हैं ताकि कैदियों को कौशल शिक्षा देकर रिहाई के बाद वे स्वतंत्र जीवन जी सकें।
बढ़ईगीरी पाठ्यक्रम से शुरुआत
जेल अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में बढ़ईगीरी का कोर्स शुरू किया गया है। इसके ज़रिए कैदी लकड़ी का काम, फ़र्नीचर बनाना और मरम्मत जैसे व्यावहारिक कौशल सीख रहे हैं। आने वाले दिनों में प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल और अन्य आईटीआई कोर्स भी शुरू किए जाएँगे।
चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि इन आईटीआई पाठ्यक्रमों की कक्षाएं जल्द ही पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया द्वारा आधिकारिक रूप से शुरू की जाएँगी। इस अवसर पर राज्यपाल कैदियों को शिक्षा और स्वरोज़गार के प्रति प्रेरित करने के लिए एक विशेष संदेश भी देंगे।
50 कैदियों को भर्ती कराया गया
जेल अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल 50 कैदियों ने नामांकन कराया है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ेगी, और भी कैदी इसके लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे न केवल कैदियों की मानसिकता बदलेगी, बल्कि रिहाई के बाद वे अपने जीवन का एक नया अध्याय भी शुरू कर पाएँगे।
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