नई दिल्ली, 27 सितंबर : बदलते मौसम के साथ, पंजाब, हरियाणा समेत दिल्ली-एनसीआर की सीमा से लगे राज्यों में पराली जलाने की घटनाएँ सामने आने के बाद, केंद्र ने उन सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया है जहाँ हर साल बड़ी संख्या में पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। इनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान भी शामिल हैं। केंद्र ने इन राज्यों को पराली जलाने की निगरानी बढ़ाने और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देश तब दिया है, जब इन राज्यों में हर साल पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ जाता है। एक समय में कुल प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी तक पहुंच जाती है। यह बात अलग है कि दिल्ली में बाकी 70 फीसदी प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुएं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल आदि के कारण होता है।
मौसम में बदलाव के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे के रूप में यह साफ दिखाई देने लगता है। मंत्रालय को चिंता है कि पराली के धुएं के अचानक आने से दिल्ली-एनसीआर में जो हालात पैदा हुए, वैसी स्थिति न हो। मंत्रालय का इन राज्यों पर फोकस इसलिए भी है, क्योंकि पिछले साल पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले इन्हीं राज्यों में सामने आए थे। पिछले साल 15 सितंबर से 30 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने की 10900 घटनाएं सामने आईं। जबकि हरियाणा में 1406, मध्य प्रदेश में 16360, उत्तर प्रदेश में 6142, दिल्ली में 12 और राजस्थान में 2713 मामले सामने आए।
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