चंडीगढ़, 26 अगस्त : पंजाब सरकार ने पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका पर आशु को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर, 2024 को आशु, दो जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अधिकारियों और एक ठेकेदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी थी।
यह मामला साल 2022 में दर्ज एफआईआर नंबर 11 से जुड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंजाब खाद्यान्न श्रम एवं कार्टेज नीति 2020-21 में हेराफेरी करके पसंदीदा ठेकेदारों को ठेके दिए गए और सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि न्यूनतम टर्नओवर की शर्तें लगाकर नए ठेकेदारों को बाहर रखा गया और रिश्वत लेकर टेंडर बांटे गए। जस्टिस महाबीर सिंह की बेंच ने कहा था कि नीति में किए गए संशोधन को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच पहले ही मान्य कर चुकी है। ठेके कैबिनेट और वित्त विभाग की मंजूरी से दिए गए थे, इसलिए अकेले मंत्री को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। भ्रष्टाचार के आरोप सिर्फ़ प्रतिस्पर्धियों की शिकायतों पर आधारित हैं, कोई ठोस सबूत नहीं हैं। सह-आरोपी के पुलिस बयान को सबूत नहीं माना जा सकता।
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