October 5, 2025

सुशीला तिवारी अस्पताल के 659 कर्मचारियों का भविष्य खतरे में

सुशीला तिवारी अस्पताल के 659 ...

हल्द्वानी, 18 अगस्त : राज्य का पहला और कुमाऊँ का सबसे बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज, डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल, इसी से जुड़ा है। जहाँ उपनल के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। वर्तमान में इनकी संख्या 659 है। इनमें गार्ड, सफाई कर्मचारी, फार्मासिस्ट और टेक्नीशियन शामिल हैं। सरकार पिछले 18 सालों से इन्हें नियमित वेतन दे रही थी, लेकिन अब अचानक झटका दे दिया है। अब ये कर्मचारी पाँच महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं।

वे जनप्रतिनिधियों के दरवाजे खटखटाते-खटखटाते थक चुके हैं। सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों का दावा है कि समस्या का समाधान हो रहा है और विपक्षी दल के विधायक ने विधानसभा में मुद्दा उठाने का वादा किया है। हालाँकि इन कर्मचारियों की नियुक्ति निर्धारित पद के सापेक्ष नहीं हुई थी, लेकिन ये पिछले 18 सालों से नियुक्त हैं।

अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ी और इनकी ज़रूरत भी महसूस की गई। इन कर्मचारियों ने कोरोना काल में भी कड़ी मेहनत की। क्योंकि कोरोना काल में पूरे कुमाऊँ से मरीज़ इसी अस्पताल में रेफर और भर्ती किए जाते थे। अब पाँच महीने से वेतन न मिलने से ये निराश हैं। 12 से 18 हज़ार रुपये मासिक वेतन वाली नौकरियाँ भी खतरे में हैं। क्योंकि इनके मामले में फ़ैसला लेने की राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति नहीं है।

वे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगाकर थक चुके हैं। अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। सभी कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। स्कूल की फीस देना मुश्किल हो गया है। ऐसे में बच्चों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की धमकियाँ भी मिल रही हैं। मकान मालिक भी कमरे से सामान बाहर फेंकने की धमकी दे रहे हैं। सभी कर्मचारी भुखमरी के कगार पर हैं। वेतन न मिलने से त्योहार मनाना भी मुश्किल हो गया है।

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