November 20, 2025

आटा चक्की मालिकों और डिपो होल्डरों का गिरोह बना गरीबों के लिए मुसीबत

आटा चक्की मालिकों और डिपो होल्डरों ...

लुधियाना, 9 जून : ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ से जुड़े लाखों परिवार मुफ्त गेहूं लेने के बावजूद परेशान हैं। दरअसल, लुधियाना के अधिकांश इलाकों में हालात ऐसे हैं कि आटा चक्की मालिकों और डिपो होल्डरों का गठजोड़ मिलकर आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों का शोषण कर रहा है।

असल में केंद्र सरकार गरीबों और जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता के रूप में मुफ्त गेहूं उपलब्ध करवा रही है ताकि वे अपने मासूम बच्चों और परिवार को शांति से भोजन दे सकें। लेकिन आटा चक्की मालिक और डिपो संचालक आपसी मिलीभगत से उस गेहूं को पीसने के बदले गरीबों से 10 रुपये प्रति किलो ‘जजिया’ वसूल रहे हैं, जो कि साफ तौर पर गैर-कानूनी और गरीबों की खाल उतारने जैसा है।

कालाबाजारी और मुनाफाखोरी का खेल

गेहूं की कालाबाज़ारी और मुनाफाखोरी के इस काले धंधे को बड़े जोर-शोर से चलाने के लिए अधिकतर डिपो होल्डरों ने अपनी आटा मिलें भी स्थापित कर ली हैं। इसमें पहले राशन कार्ड धारकों के लिए आई गेहूं में बड़ी कटौती की जाती है, और फिर गेहूं पीसने के नाम पर गरीबों से 10 रुपये प्रति किलो वसूले जाते हैं।

कंट्रोलर गिल ने गेहूं पीसने की दर 6 रुपये प्रति किलो तय की थी और हर मिल पर पीसाई की निर्धारित मात्रा वाला बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब गिल के तबादले के बाद विभागीय अधिकारी और कर्मचारी ‘कुंभकर्णी नींद’ में सो गए हैं, जिसके चलते आटा चक्की मालिकों ने एक बार फिर गरीबों का खून चूसना शुरू कर दिया है।

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