बीजिंग, 13 दिसम्बर : घटती जनसंख्या को लेकर चिंतित चीनी सरकार गर्भनिरोधक उत्पादों पर कर लगाने जा रही है। यह कदम लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। चीन में दशकों से परिवारों को एक बच्चे तक सीमित रखा गया है। तीन दशकों में यह पहली बार होगा जब गर्भनिरोधक उत्पादों पर मूल्यवर्धित कर लगाया जाएगा।
नए मूल्य वृद्धि कानून के अनुसार, 1 जनवरी से इन उत्पादों पर कर छूट लागू नहीं होगी। कंडोम जैसे उत्पादों की कीमत में 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह जानकारी सामने आते ही चीनी इंटरनेट मीडिया पर यह ट्रेंड करने लगी। कुछ लोगों का कहना है कि जो लोग यह नहीं जानते कि बच्चे का पालन-पोषण करना कंडोम के इस्तेमाल से कहीं अधिक महंगा है, वे कर लगने पर भी मूर्ख ही रहेंगे।
एक-बच्चा नीति’ लगभग 1980 से 2015 तक लागू थी
गर्भनिरोधकों की बढ़ती लागत के कारण अनियोजित गर्भधारण और यौन संचारित रोगों में संभावित वृद्धि को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की पिछली ‘एक-बच्चा नीति’ लगभग 1980 से 2015 तक लागू थी, जिसमें भारी जुर्माना और अन्य दंड शामिल थे। कई बार जबरन गर्भपात भी कराए जाते थे।
वर्जीनिया विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान समूह के निदेशक कियान काई ने कहा, “उच्च प्रजनन दर को प्रोत्साहित करने पर कर का प्रभाव बहुत सीमित होगा। गर्भनिरोधकों पर 13 प्रतिशत कर उन दंपतियों को प्रभावित नहीं करेगा जो बच्चे नहीं चाहते या और बच्चे नहीं चाहते। खासकर जब इसकी तुलना बच्चे के पालन-पोषण की कहीं अधिक लागत से की जाए।”
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