मैनाटांड़ (पश्चिम चंपारण), 10 अगस्त : उत्तराखंड के धराली में बादल फटने के बाद लापता हुए बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के पुरुषोत्तमपुर गाँव के देवराज और उनके दो बेटों अनिल और सुशील शर्मा का अंतिम संस्कार पाँचवें दिन शनिवार को कर दिया गया। देवराज वहाँ राजमिस्त्री का काम करते थे, जबकि उनके दो बेटे सहायक थे। पुतले को रखकर जब तीनों के शव एक साथ बाहर निकाले गए, तो घर की महिलाएँ फूट-फूट कर रो पड़ीं। देवराज का तीसरा बेटा अर्जुन अपने पिता और दोनों भाइयों को ढूँढ़ने धराली गया था।
सैंकड़ों लोग अभी भी लापता
दो दिन इधर-उधर भटकने के बाद वह लौट आया। उसने बताया कि वहाँ सैकड़ों लोग लापता हैं। सबके घरवाले भटक रहे हैं। अर्जुन ने बताया कि धराली में जो लोग बचे थे, उन्होंने ही इस भयानक घटना की जानकारी दी। बादल फटते ही तेज़ पानी और मलबा पूरे इलाके को बहा ले गया। जिस घर में ये लोग रहते थे, वहाँ और भी मज़दूर थे। किसी का पता नहीं चल रहा है।
धराली से लौटते हुए अर्जुन ने हर्षिल और उत्तरकाशी में स्थानीय लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों को अपने पिता और भाइयों की तस्वीरें दी हैं। जिस नदी में घर बह गया था, उसमें लगभग 10 फीट मलबे की परत जमी हुई है। इस वजह से दबे लोगों को ढूंढना मुश्किल हो रहा है। घर लौटने के बाद, गाँव के पंडित और रिश्तेदारों के सुझाव पर तीनों का पुतला बनाकर शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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