November 20, 2025

पूरे एशिया में तबाही ला सकती है अमरीकी बमबारी के बाद बनी ज़हरीली हवाएं!

पूरे एशिया में तबाही ला सकती है अमरीकी बमबारी...

नई दिल्ली, 23 जून : अमेरिका की आक्रामकता ने भारत सहित पूरी दुनियां पर गहरा प्रभाव डाला है। हाल ही में, ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया गया। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस हमले के लिए अमेरिका ने छह बी-2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जिन्होंने फोर्डो में एक दर्जन बंकर-बस्टर बम गिराए।

इस हमले का सबसे बड़ा असर भारत और पाकिस्तान पर पडऩे की संभावना है, क्योंकि मध्य एशिया से आने वाली हवाएं पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को प्रभावित करती हैं। ये हवाएं चेरनोबिल और फुकुशिमा जैसी गंभीर घटनाओं के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले खतरनाक तत्वों को भी अपने साथ ला सकती हैं, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।

भारत-पाकिस्तान समेत पूरे एशिया को खतरा

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से रेडियोएक्टिव कचरा भी निकलेगा। यह कचरा हवा के साथ पाकिस्तान-भारत समेत पूरे एशिया में फैल सकता है। दरअसल, भारत जेटस्ट्रीम और पछुआ पवनों रास्ते में है। इसलिए, भारत के लिए इसके परिणाम बहुत बुरे हो सकते हैं। यह सिर्फ ईरान का संकट नहीं है, यह हमारा भी संकट है। यह कचरा हवा के साथ दूसरे देशों में भी फैल सकता है।

जेटस्ट्रीम और पछुआ हवाओं में क्या फर्क है

जेटस्ट्रीम और पछुआ हवाएं दोनों ही वायुमंडलीय धाराएं हैं जो पृथ्वी के मौसम को प्रभावित करती हैं। जेटस्ट्रीम ऊपरी ट्रोपोस्फीयर में तेज गति से चलने वाली हवा की एक नैरो करेंट है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। पछुआ हवाएं, जिन्हें पश्चिमी हवाएं भी कहा जाता है, मध्य अक्षांशों में पश्चिम से पूर्व की ओर चलने वाली हवाएं हैं। जेटस्ट्रीम मौसम के पैटर्न को प्रभावित करती है, जिसमें तूफान, चक्रवात आते हैं और मौसम में तेजी से बदलाव होता है। इससे भीषण ठंड या भयानक हीटवेब भी चल सकती है।

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