बठिंडा: जिले के गांव घासोखाना में पाइपलाइन बिछाने के विरोध में किए गए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई की मांग को लेकर बठिंडा पहुंचे भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। किसान डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने आए थे। जब वे प्रशासनिक परिसर के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें वाहनों में बिठाया और कहीं ले गई।
गांव में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान यूनियन के प्रांतीय नेता काका सिंह कोटड़ा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। किसान अपने साथ गिरफ्तार अन्य नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर एक याचिका प्रस्तुत करने आए थे। गिरफ्तार होने के बाद किसानों ने कहा कि उन्होंने कोई विरोध प्रदर्शन या सड़क जाम नहीं किया, लेकिन फिर भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उल्लेखनीय है कि मौड़ मंडी से कोटफत्ता लसारा ड्रेन (घासोखाना गांव के माध्यम से) तक गंदे पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इसको लेकर ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन के बीच झड़प के बाद ग्रामीणों और किसान नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस प्रशासन ने किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, मुख्तियार सिंह कुब्बे व अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। जानकारी के अनुसार, पाइप बिछाने के विरोध में पूरा गांव एकजुट है।
आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा ग्रामीणों पर डाले जा रहे दबाव की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने 2022 में की, वही गलती वे 2027 में नहीं करेंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को घसीटकर बसों में डाला गया। ग्रामीणों ने कहा कि खुद को किसान समर्थक कहने वाले भगवंत सिंह मान द्वारा उन पर किए गए अत्याचारों को वे कभी नहीं भूलेंगे और 2027 के चुनावों में उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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