चंडीगढ़, 24 दिसम्बर : प्रदेश में खरीफ की मक्की के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के मद्देनज़र मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज उन प्रगतिशील मक्की काश्तकारों का सम्मान किया, जिन्होंने पानी की अधिक खपत वाली धान की फसल की जगह खरीफ की मक्की की खेती की ओर रुख किया। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने प्रगतिशील मक्की किसानों को प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए और उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे अन्य किसानों को भी खरीफ की मक्की की खेती के लिए जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि खरीफ की मक्की पायलट प्रोजेक्ट, जिसका उद्देश्य फसली विविधता, भूमिगत जल के गिरते स्तर को रोकना, मिट्टी की सेहत में सुधार करना और किसानों की आय बढ़ाना है, के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सरकार अगले सीजन के लिए इस कार्यक्रम के विस्तार पर विचार कर रही है ताकि अधिक किसानों को पानी की अधिक खपत वाली धान की फसल से हटाकर मक्की की खेती की ओर प्रोत्साहित किया जा सके।
कीमती जल स्रोतों को बचाने के लिए
मक्की की खेती को एक टिकाऊ विकल्प और धान की तुलना में बहुत कम पानी की आवश्यकता वाली फसल के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी और उद्योग जगत के साझेदारों से सलाह-मशवरा करके रणनीतिक नीति तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य पंजाब को मक्की के उत्पादन में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस साल बठिंडा, संगरूर, गुरदासपुर, जालंधर, कपूरथला और पठानकोट जिलों में मक्की को धान के लाभदायक एवं टिकाऊ विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया। 3,708 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 11,326 एकड़ क्षेत्र को धान से हटाकर मक्की की खेती के अंतर्गत सफलतापूर्वक लाया गया।
खरीफ की मक्की के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने की घोषणा
कृषि मंत्री ने मक्की किसानों से उनके अनुभव और उन्हें पेश चुनौतियों को जानने के लिए बातचीत भी की। पठानकोट जिले के मक्की किसान संसार सिंह और गुरपाल सिंह ने अपनी सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने प्रति एकड़ 25-26 क्विंटल की रिकॉर्ड पैदावार की और अपनी फसल 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेची, जो कि एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है।
कृषि विभाग के सचिव श्री अरशदीप सिंह थिंद ने कहा, “इस पायलट प्रोजेक्ट ने हमें एक प्रमाणित ब्लूप्रिंट दिया है। हमारा लक्ष्य अब, इस सफलता के साथ, हजारों अन्य किसानों को सशक्त बनाना है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए खेती को लाभदायक, खुशहाल, टिकाऊ एवं सुरक्षित रखना सुनिश्चित किया जा सके।”
इस मौके पर पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव श्री रामवीर, पी.ए.यू. के उप कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल, पी.डी.सी. सदस्य श्री शौकत राय, कृषि विभाग के निदेशक श्री जसवंत सिंह तथा कृषि विभाग, पंजाब एग्रो, मार्कफेड और पनसीड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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