नई दिल्ली, 25 दिसम्बर : उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सज़ा निलंबित किए जाने के फैसले को अपने और अपने परिवार के लिए “मौत का खतरा” करार दिया है। पीड़िता ने कहा कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दी ज़मानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सज़ा को निलंबित करते हुए, उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील पर अंतिम निर्णय आने तक उन्हें ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने वर्ष 2017 के मामले में सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि सेंगर पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी भी तरह की धमकी देगा।
ज़मानत के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन
इस बीच, पीड़िता और उसकी मां ने सेंगर को मिली ज़मानत के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी नाराज़गी जताई। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनकी बेटियों को वाहन में ले जाने और उन्हें बस यात्रा के दौरान सड़क पर उतार दिए जाने से वे बेहद आहत हैं।
उन्होंने बार-बार कहा कि उन्हें सिर्फ न्याय चाहिए और सेंगर की ज़मानत रद्द की जानी चाहिए। पीड़िता के अनुसार, अब वह दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी ताकि न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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