November 20, 2025

पराली जलाने का कोई मामला नहीं, किसान बधाई के पात्र हैं

पराली जलाने का कोई मामला नहीं...

रूपनगर, 25 अक्तूबर : इस बार जिले के किसानों ने धान की पराली या फसल अवशेष न जलाकर समाज को एक अच्छा संदेश दिया है। जी हां, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिमोट सेंसिंग सर्वे के अनुसार 24 अक्टूबर की शाम तक रूपनगर जिले में अन्य जिलों की तुलना में शून्य पराली जलाई गई। इसलिए रूपनगर जिले के किसान बधाई के पात्र हैं। प्रदूषित वातावरण को लेकर सख्त हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद राज्य सरकार के आदेशों पर डिप्टी कमिश्नर वरजीत वालिया के नेतृत्व में किसानों ने अपने खेतों में धान की पराली न जलाकर जिले का नाम राज्य में रोशन किया है।

किसानों की मेहनत और प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए

डिप्टी कमिश्नर वरजीत वालिया ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार 24 अक्टूबर की शाम तक जिले में धान की पराली जलाने की शून्य घटनाएं हैं। उन्हें विश्वास है कि किसान इसी तरह सहयोग करेंगे ताकि जिले को शून्य पराली जलाने का लक्ष्य हासिल करने पर गर्व हो। उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए एसडीएम स्तर पर पराली संरक्षण बल नामक समितियां गठित की गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों को धान की पराली जलाने से होने वाले नुकसान और पराली को आग लगाने की बजाय मिट्टी में ही जलाने के फायदों के बारे में जागरूक कर रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है ताकि किसान पराली न जलाएं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने पराली के उचित प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें उपलब्ध करवाई हैं।

इन मशीनों का उपयोग करके किसान न केवल अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ा रहे हैं, बल्कि खेती के खर्च को भी कम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसान कंबाइन हार्वेस्टर और सुपर एसएमएस मशीनों का उपयोग कर रहे हैं जो पराली को काटकर खेत में ही मिला देती हैं। जिला मुख्य कृषि अधिकारी लेख राज माही ने बताया कि धान के अवशेषों के प्रबंधन के लिए नई तकनीकों के साथ गेहूं की सतही बुवाई तकनीक मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है, पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करती है, उर्वरता बढ़ाती है और यह कार्बनिक पदार्थों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा कि यह प्रबंधन वायु प्रदूषण से बचाता है और मिट्टी के पोषक तत्वों को नष्ट होने से बचाता है।

उन्हें बधाई देने का समय है

उन्होंने कहा कि अब तक की रिपोर्टों के अनुसार, जिले के किसान बधाई के पात्र हैं जिन्होंने पराली जलाकर प्रशासन का सहयोग किया है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आने वाले दिनों में पराली न जलाकर जीरो बर्निंग के लक्ष्य को सफल बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए तैयार है। कोई भी किसान किसी भी समय कृषि विशेषज्ञ से बात कर अपनी समस्या बता सकता है।