नई दिल्ली, 7 अक्तूबर : इस बार त्योहारी सीजन खर्च और कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दरों में हालिया कटौती के साथ, इस त्योहारी सीजन में कुल उपभोक्ता खर्च 12 लाख करोड़ रुपये से 14 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
इस व्यय का एक बड़ा हिस्सा जिन प्रमुख क्षेत्रों पर खर्च होगा उनमें परिधान, विवाह, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल शामिल हैं। खाद्य पदार्थ और अन्य FMCG उत्पादों जैसे दैनिक उपयोग के उत्पादों को इस अध्ययन से बाहर रखा गया है।
सबसे ज्यादा खर्च शादियों पर होगा
रिपोर्ट में कहा गया है कि खपत में 12-14 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि होगी और इस खर्च का एक बड़ा हिस्सा शादी-ब्याह से जुड़े खर्चों पर होगा। भारत में त्योहारी सीज़न शुभ विवाह सीज़न की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो खपत का एक और प्रमुख कारक है।
अनुमान बताते हैं कि भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ शादियाँ होती हैं, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत अक्टूबर और दिसंबर के बीच होती हैं। इन आँकड़ों और विभिन्न आय वर्गों के खर्च करने के तरीकों को ध्यान में रखते हुए, रिपोर्ट का अनुमान है कि सिर्फ़ शादियों पर ही 4.5 लाख करोड़ रुपये से 5 लाख करोड़ रुपये तक खर्च होंगे।
इन क्षेत्रों में भी काफी खर्च होगा
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। टैरिफ अनिश्चितताओं जैसी बाहरी चुनौतियों के बावजूद, भारत की वृद्धि दर मुख्यतः घरेलू खपत पर निर्भर है। जीएसटी दर संरचना में हालिया बदलाव उपभोग वृद्धि के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम साबित हुए हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि इसका एक बड़ा हिस्सा शादी-ब्याह से जुड़े खर्चों से आएगा, इसके बाद परिधान, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मज़बूत माँग रहेगी। इसके अलावा, FMCG और QSR जैसे क्षेत्रों को व्यक्तिगत उपभोग के साथ-साथ उपहार-संबंधी खरीदारी में वृद्धि से लाभ होने की उम्मीद है।
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