एथेंस, 2 जून : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को खुलकर समर्थन प्रदान किया, जिसमें उसने पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर किलरड्रोन की आपूर्ति की। भारतीय सेनाओं ने इन ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के समापन के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर तुर्की की राजधानी अंकारा पहुंचे।
इस यात्रा के दौरान, शहबाज और मुनीर ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि इस समय अजरबैजान के राष्ट्रपति भी तुर्की में मौजूद थे। पाकिस्तान और तुर्की के इस सहयोग को चुनौती देने के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
तुर्की के सबसे बड़े दुश्मन ग्रीस ने दिया ऑफर
तुर्की के सबसे बड़े दुश्मन ग्रीस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने सुझाव दिया है कि भारत और ग्रीस एक साथ मिलकर तुर्की और पाकिस्तान के खिलाफ एक रक्षात्मक दीवार की तरह से काम कर सकते हैं। कनाडा, पोलैंड, आर्मेनिया और तुर्की में काम कर चुके ग्रीस के वरिष्ठ राजनयिक लिओनीदास क्रायरसथोंपोउलोस ने संडे गार्डियन अखबार से बातचीत में कहा कि ग्रीस और भारत दोनों ही एर्दोगान के खिलाफ एक दीवार की तरह से काम कर सकते हैं।
इसके लिए मेरा कुछ व्यवहारिक सुझाव है। भारत और ग्रीस में सैन्य सहयोग खासकर एयरफोर्स के बीच सहयोग को बढ़ाया जाए। भारत के इसके लिए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल फाइटर जेट के प्रदर्शन के बारे में ग्रीस को जानकारी दे सकता है। लिओनीदास ने कहा कि हिंद महासागर और भू-मध्य सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास को अंजाम देकर पाकिस्तान और तुर्की दोनों को चेतावनी दी जा सकती है।
तुर्की के मंसूबे खतरनाक
लिओनीदास ने कहा कि ग्रीस जहां कश्मीर पर भारत का खुलकर सपोर्ट करे, वहीं ग्रीस के मुद्दों और तुर्की की धमकियों के खिलाफ भारत एथेंस को सपोर्ट दे। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य वैश्विक मंचों पर भारत और ग्रीस एक-दूसरे की खुलकर मदद करें। इसके अलावा भारत ग्रीस के बीच परमाणु तकनीक पर प्रभावी सहयोग हो जिससे तुर्की और पाकिस्तान सैन्य संघर्ष शुरू करने से पहले दो बार सोचें। उन्होंने कहा कि नाटो देश तुर्की ने एक मजबूत हथियार उद्योग बना लिया है और इसका वह दुनियांभर में बरामद कर रहा है। इससे अफ्रीका में तुर्की का प्रभाव काफी बढ़ गया है। उसके लीबिया और सूडान में सैन्य अड्डे हैं।
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