नई दिल्ली/रियाद, 22 जून : खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों ने अचानक अपने वतन भारत में बड़ी मात्रा में पैसा भेजना शुरु कर दिया है। जानकारों के अनुसार इसकी वजह है रुपए की कीमत में आ रही गिरावट। रुपया यूएई की मुद्रा एईडी के मुकाबले कमजोर हो गया है।
अब एक एईडी की कीमत लगभग 23.5 रुपए हो गए है। रिपोर्ट के अनुसार रुपए की कीमतें गिरने से एन.आर.आई. भारतीय अपने घर पैसे को भेजने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के परिवर्तन वैश्विक आर्थिक स्थितियों, जैसे कि तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के रुझानों से जुड़े हैं। इस संदर्भ में, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक और व्यापारी इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपने वित्तीय निर्णय लें, ताकि वे संभावित लाभ और जोखिम का सही आकलन कर सकें।
रुपए की गिरती कीमत से बदला पैटर्न
आमतौर पर जून में पैसे भेजने की मात्रा कम हो जाती है। कारण है कि कई भारतीय लोगों को गर्मी की छुट्टियों में यात्रा और दूसरे खर्च होते हैं। लेकिन, इस बार रुपये की कीमत में गिरावट की वजह से यह पैटर्न बदल गया है। वीकेंड में भी पैसे भेजने की मात्रा स्थिर रही और सोमवार तक मजबूत रहने की उम्मीद है।
एक्सचेंज हाउस के अधिकारियों का कहना है कि अगर रुपया कमजोर रहता है या जुलाई में और गिरता है तो पैसे भेजने वालों को फायदा होगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर दरें इसी स्तर पर बनी रहती हैं या फिर से गिरती हैं तो यह दोहरा फायदा होगा।’
दुनियां भर में संघर्ष के बावजूद आई तेजी
यह तेजी भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बावजूद आई है। इसमें इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष भी शामिल है। आमतौर पर ऐसी घटनाओं से निवेशक सुरक्षित ठिकाने के तौर पर अमेरिकी डॉलर की ओर रुख करते हैं। लेकिन, इस बार सोने ने वह भूमिका निभाई है। जबकि डॉलर कमजोर बना हुआ है, जिससे रुपये को कुछ सहारा मिल रहा है।
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