December 31, 2025

वी.बी.-जी. राम जी. बिल ‘महात्मा गांधी का दूसरा कत्ल’ : डॉ. बलबीर सिंह

वी.बी.-जी. राम जी. बिल ‘महात्मा गांधी...

चंडीगढ़, 31 दिसंबर : भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ‘विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी’ (वीबी-जी राम जी) योजना को एक संकुचित राजनीतिक चाल और महात्मा गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया। उन्होंने इसे “महात्मा गांधी का दूसरा कत्ल” बताते हुए कहा कि यह योजना गारंटीशुदा रोजगार की मूल भावना को खत्म करने की साजिश है।

16वीं पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मांग आधारित रोजगार प्रणाली को खत्म कर सप्लाई आधारित मॉडल थोप रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बदलाव से नौकरशाह फंड आवंटन का फैसला करेंगे और ग्राम सभाओं से उनके संवैधानिक अधिकार छीन लिए जाएंगे।

‘मुंह में राम-राम, बगल में छुरी’ की नीति अपना रही है भाजपा

कैबिनेट मंत्री ने केंद्र की नीतियों को दोहरे चरित्र वाला बताते हुए कहा कि सरकार गरीबों की भलाई की बात तो करती है, लेकिन उसकी नीतियां गरीब विरोधी हैं। उन्होंने योजना के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘राम जी’ नाम का भगवान राम के आदर्शों से कोई लेना-देना नहीं है। “मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने हमेशा गरीबों और कमजोरों के हित में काम किया, जबकि यह योजना उनके मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है।

डॉ. बलबीर सिंह ने गांवों को ए, बी और सी श्रेणियों में बांटने के फैसले को दूसरी “छुरी” बताते हुए कहा कि इसका मकसद बी और सी श्रेणी के गांवों को योजना से बाहर करना है। इससे लाखों ग्रामीणों को गारंटीशुदा रोजगार से वंचित होना पड़ेगा।

पंजाब के साथ जानबूझकर भेदभाव का आरोप

केंद्र सरकार पर पंजाब की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले ढाई से तीन वर्षों से राज्य को निर्माण सामग्री की लागत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, “बिना सामग्री मजदूर कैसे काम करेंगे? जहां बाढ़ जैसी आपदाएं आती रहती हैं, वहां रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 150 किए जाने चाहिए थे, लेकिन पंजाब को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी राज्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। “इस साल बिहार को 1,370 करोड़ रुपये दिए गए क्योंकि वहां चुनाव थे,” उन्होंने कहा।

किसान आंदोलन की तरह फिर होगा जनसंघर्ष

अपने संबोधन के अंत में डॉ. बलबीर सिंह ने ऐतिहासिक किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 13 महीने तक सीमाओं पर बैठकर आंदोलन किया था, जिसके दबाव में केंद्र सरकार को काले कृषि कानून वापस लेने पड़े। उन्होंने चेतावनी दी कि बीज बिल और बिजली (संशोधन) बिल भी उसी कड़ी का हिस्सा हैं, जो किसानों और गरीबों को और कमजोर करने के लिए लाए गए हैं।

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