October 6, 2025

शिअद से निष्कासित वल्टोहा द्वारा जत्थेदार गडग़ज से पुनर्विचार की अपील

शिअद से निष्कासित वल्टोहा द्वारा जत्थेदार...

अमृतसर, 28 मई : ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ हुए विवाद के कारण 15 अक्टूबर 2024 को शिरोमणि अकाली दल से 10 साल के लिए निष्कासित किए गए पूर्व वरिष्ठ नेता प्रोफेसर विरसा सिंह वल्टोहा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से उनके खिलाफ लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। वल्टोहा ने श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में जाकर अपना अनुरोध पत्र प्रभारी बगीचा सिंह को सौंपा। इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि 15 अक्टूबर 2024 को उनके खिलाफ पारित आदेश पर पुनर्विचार किया जाना आवश्यक है।

वल्टोहा ने निवेदन पत्र लिखा

प्रोफेसर वल्टोहा ने अपने पत्र में यह भी कहा कि वह बचपन से ही अमृतधारी रहे हैं और सिख समुदाय के सिद्धांतों और नैतिकता के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे उनके धार्मिक या नागरिक सम्मान को ठेस पहुंची हो। फिर भी, एक भुलक्कड़ सिख के रूप में, उन्होंने गुरु पंथ से अपनी हर गलती के लिए क्षमा मांगने की इच्छा व्यक्त की, चाहे वह गलती जानबूझकर की गई हो या अनजाने में। उनका यह अनुरोध सिख समुदाय के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है।

वल्टोहा पर क्या लगे आरोप

वल्टोहा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और तख्त श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह पर भाजपा और आरएसएस के दबाव के आगे झुकने का आरोप लगाया था। इसमें वल्टोहा का मुख्य निशाना ज्ञानी हरप्रीत सिंह थे। जत्थेदारों के साथ उनका तनाव तब और बढ़ गया जब वल्टोहा ने 12 अक्तूबर 2024 को सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाया।

इसके बाद 15 अक्टूबर को पांचों सिंह साहिबानों ने बैठक बुलाकर स्पष्टीकरण मांगने के लिए वल्टोहा से लंबी चर्चा की। वाल्टोहा ने फिर भी अपनी गलती स्वीकार की और लिखित माफी मांगी। इसके बाद पांचों सिंह साहिबानों ने पार्टी के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को आदेश जारी कर वल्टोहा को 10 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।

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