गुरुग्राम, 27 नवंबर : 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के साथ-साथ श्रीलंकाई ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले मेजर जनरल केदारनाथ सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सेक्टर 22 स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह पिछले कई वर्षों से अपने परिवार के साथ गुरुग्राम में रह रहे थे। गुरुवार दोपहर दिल्ली के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह मूल रूप से बिहार के पटना जिले के खाजपुरा गाँव के रहने वाले थे।
उनके बेटे साकेत सिंह नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर हैं। साकेत सिंह ने बताया कि उनके पिता पिछले साल तक सक्रिय थे। वे रेजांग-ला युद्ध स्मारक पर आयोजित किसी भी समारोह में शामिल होने की पूरी कोशिश करते थे। उनकी प्रेरणा ने ही उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। वे हमेशा देश की सुरक्षा की बात करते थे।
रेजांग-ला युद्ध स्मारक के समन्वयक डॉ. टीसी राव कहते हैं, “मेजर जनरल केदारनाथ सिंह के आगमन के साथ ही किसी भी आयोजन का उत्साह नई ऊँचाइयों पर पहुँच जाता था। वे लोगों में गजब का जोश भर देते थे। उनके हर शब्द राष्ट्र प्रथम का संदेश देते थे। इतनी उम्र में भी वे बैठकर बोलना नहीं चाहते थे। उन्हें युवाओं से मिलना-जुलना बहुत पसंद था। वे कहते थे कि जब तक युवाओं में राष्ट्र प्रथम की भावना जीवित रहेगी, इस देश को कोई नीची नज़र से नहीं देख सकता।”

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