October 8, 2025

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का जस्टिस वर्मा के महाभियोग से क्या है कनेक्शन?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का जस्टिस वर्मा...

नई दिल्ली, 23 जुलाई : सोमवार देर शाम जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया, लेकिन इसकी तात्कालिक वजह राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस लग रहा है। धनखड़ ने बतौर सभापति उस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिस पर विपक्ष के 63 सदस्यों के हस्ताक्षर थे। इसकी जानकारी सरकारी फ्लोर नेताओं को नहीं थी।

महाभियोग मामले को राज्यसभा में भेजना चाहते थे

धनखड़ ने कोशिश की थी कि महाभियोग का मामला पहले राज्यसभा में उठाया जाए, जो साफ तौर पर विपक्ष के खाते में गया, क्योंकि उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया था। इसके बाद ऐसी घटनाएं घटीं, जिससे धनखड़ दुखी हुए और उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। उन्होंने शाम छह बजे तक सरकार को अपने फैसले की जानकारी दी और रात 9.25 बजे इसे सार्वजनिक भी कर दिया।

मंगलवार को दिनभर धनखड़ के इस्तीफे को लेकर अटकलें चलती रहीं, लेकिन यह लगभग तय था कि इसकी एक वजह जस्टिस वर्मा ही थे। सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी थी कि वह भ्रष्टाचार के आरोपी जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रही है। सरकार की योजना पहले इसे लोकसभा में पारित कराने और फिर राज्यसभा भेजने की थी।

महाभियोग नोटिस पर 145 सांसदों के हस्ताक्षर

लोकसभा में महाभियोग नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और भाजपा के रविशंकर प्रसाद व अनुराग ठाकुर समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के 145 सांसदों के हस्ताक्षर से साफ है कि सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने में काफी हद तक सफल रही है। हालांकि, दोपहर करीब साढ़े तीन बजे राज्यसभा में धनखड़ ने घोषणा की कि 63 सांसदों के हस्ताक्षर वाला महाभियोग नोटिस प्राप्त हो गया है और प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

हैरानी की बात यह है कि इन सांसदों में भाजपा या उसके सहयोगी दलों का एक भी सांसद नहीं था। यह कमी भाजपा के फ्लोर मैनेजर की वजह से हुई होगी, लेकिन उम्मीद थी कि सरकार को इसकी जानकारी धनखड़ के कार्यालय से मिलेगी, क्योंकि सदन के नेता भाजपा से हैं।

यह भी देखें : दिल्ली सरकार ने ओलंपिक, पैरालंपिक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाई