लुधियाना 3 दिसम्बर : पंजाब का व्यापारिक केंद्र माने जाने वाले लुधियाना में न केवल व्यापारी व्यापार करने आते हैं, बल्कि औद्योगिक जिला होने के कारण आसानी से उपलब्ध रोजगार के कारण दूसरे राज्यों के लोग भी यहां व्यापार करके लुधियाना के स्थायी निवासी बन रहे हैं। जहां दूसरे राज्यों के लोगों ने इस जिले में अपने व्यापार में काफी हद तक तरक्की की है, वहीं बाहरी राज्यों के लोग भी धार्मिक स्थलों के पास श्रद्धालुओं से भीख मांगते नजर आते हैं, जो धार्मिक स्थलों के पास की सड़कों को अपना रैन बसेरा बनाते हैं।
धार्मिक स्थलों के पास लंगर, फल और पैसे आसानी से उपलब्ध होने के कारण बाहरी राज्यों से आने वाले भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हालात यह हैं कि प्रशासन की सख्ती के बाद भी शहर की सड़कों और फुटपाथों पर भिखारियों को बैठे देखा जा सकता है। ये लोग बड़े पैमाने पर राहगीरों से, ट्रैफिक लाइटों पर और छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगते नजर आते हैं। दिन में धार्मिक स्थलों, चौराहों, सड़कों और फुटपाथों पर भीख मांगने वाले कई भिखारी अपनी सुबह की शुरुआत ठेलों से करते हैं।
पढ़े लिखे लोगों को बनाते हैं बेवकूफ
अगर इन भिखारियों की दिनचर्या की बात करें तो सुबह की शुरुआत ठेलों से होती है, जहां से शराब खरीदने के बाद ये लोग सड़क पर समूहों में बैठकर पीते हैं और अपने ठिकानों पर पहुंचते हैं। रखबाग के पास इन भिखारियों को दिन में सोते या समूहों में ताश खेलते देखा जा सकता है, लोग इन भिखारियों को खाने-पीने का सामान बांटते हैं। ये लोग सड़क किनारे बैठकर बीड़ी, साड़ी और सुल्फा सूट पहने देखे जा सकते हैं।
लेकिन ये लोग बड़े पैमाने पर शहर के पढ़े-लिखे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के पंजाब स्टेट कंटेनर एंड वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के डायरेक्टर रविंदरपाल सिंह पाली ने कहा कि जिला प्रशासन को इन पिछड़े राज्यों से आने वाले प्रवासी भिखारियों की जांच करनी चाहिए।
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