नई दिल्ली,5 जून: शादी हर लड़की की जिंदगी का खास पल होता है. इस दिन को खास बनाने के लिए हर कोई खूब सारे इंतजाम करता है. शादी के मौके पर ड्रेस (लाल दुल्हन की पोशाक) से लेकर मेकअप तक हर चीज पर खास ध्यान दिया जाता है. हर धर्म में शादी का खास महत्व होता है. खासकर हिंदू धर्म में शादी के दौरान कई रस्में निभाई जाती हैं. इस मौके पर निभाई जाने वाली हर रस्म का खास महत्व होता है.
शादी के मौके पर कई ऐसी चीजें होती हैं, जिनका कोई न कोई मतलब होता है। ऐसा ही एक खास मतलब है शादी का जोड़ा। क्या आपने कभी सोचा है कि शादी का जोड़ा हमेशा लाल ही क्यों होता है? लाल रंग को शादी का रंग क्यों माना जाता है? आइए आपको बताते हैं इसका कारण और लाल रंग का महत्व –
लाल रंग शुभता का प्रतीक है।
शादी के दिन लाल रंग का जोड़ा पहनने के पीछे कई कारण हैं। शादी के दिन लाल रंग पहनने का सबसे अहम कारण धार्मिक है। दरअसल हिंदू धर्म में लाल रंग को शुभ माना जाता है। साथ ही, ऐसा माना जाता है कि लाल रंग सकारात्मक संकेत देता है। इतना ही नहीं, इसे शक्ति, प्रेम, बहादुरी और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शादी के दिन लाल रंग का जोड़ा पहनना बहुत शुभ माना जाता है।
इसका सम्बन्ध देवी लक्ष्मी से भी है।
दुल्हन के लाल जोड़े को देवी लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है। दरअसल, शादी के बाद महिला को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। सनातन धर्म में लाल रंग को देवी लक्ष्मी का रंग कहा जाता है। देवी लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक देवी लक्ष्मी भी लाल रंग की पोशाक पहनती हैं, इसलिए दुल्हन को उनका ही रूप मानकर लाल रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। यह भी माना जाता है कि लाल रंग की पोशाक पहनने से दुल्हन को सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।
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