October 6, 2025

महिला ने मीठी-मीठी बातें करके 88 वर्षीय प्रोफेसर से 2.89 करोड़ रुपये ठगे

महिला ने मीठी-मीठी बातें करके 88 वर्षीय...

नई दिल्ली, 25 जुलाई : देश में साइबर ठगी के नए-नए तरीके रोज़ाना सामने आ रहे हैं। ठगी के तरीके अब इतनी तेज़ी से बदल रहे हैं कि आम लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है कि असली कौन है और कौन जाल बिछा रहा है। अब धोखेबाज़ सिर्फ़ ओटीपी पूछने या फ़र्ज़ी लिंक भेजने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल निवेश और शेयर बाज़ार के नाम पर भी लोगों को ठगा जा रहा है।

जानिए धोखाधड़ी के चौंकाने वाले मामले के बारे में

नोएडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक फर्जी ‘फंड मैनेजर’ ने शेयर बाजार में भारी मुनाफे का वादा करके 88 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 2.89 करोड़ रुपये ठग लिए। महिला ने एक फर्जी ऐप के जरिए भावनात्मक लगाव और ‘प्रशिक्षण’ का झांसा देकर बुजुर्ग प्रोफेसर को अपने जाल में फंसाया। यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सतर्क रहना पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है।

प्रोफेसर ऐसे ही जाल में फंस गये

ताज़ा मामला नोएडा सेक्टर-36 से सामने आया है, जहाँ 88 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर रामकृष्ण शिवपुरी को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाकर 15-30% दैनिक लाभ का वादा करके लगभग 2.89 करोड़ रुपये की ठगी की गई। 1 अप्रैल को रामकृष्ण शिवपुरी को एक महिला का फ़ोन आया जिसने खुद को एक फ़ंड मैनेजर बताया और अपना नाम ‘कीर्ति सराफ़’ बताया। महिला ने प्रोफ़ेसर को निवेश का सुझाव दिया और एक ऐप के ज़रिए उन्हें प्रशिक्षण देने का दावा किया। बाद में, उसने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, जहाँ ‘कृष्ण रथ’ नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें निवेश का फ़र्ज़ी प्रशिक्षण दिया।

महिला ने भावनात्मक लगाव व्यक्त करते हुए कोविड-19 काल के अपने संघर्षों की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि निवेश के ज़रिए ही वह फिर से खड़ी हो पाई। उसने प्रोफेसर को सलाह भी दी कि वे इस निवेश की जानकारी परिवार से साझा न करें।

21 गुना निवेश किया गया

महिला ने प्रोफ़ेसर को बताया कि उसने अपना घर बेचकर उसके खाते में 50 लाख रुपये जमा कर दिए हैं। उसकी बातों और झूठे मुनाफ़े के दावों पर यकीन करके, रिटायर्ड प्रोफ़ेसर ने 21 किश्तों में कुल 2.89 करोड़ रुपये जमा कर दिए। जब उसने पैसे निकालने की कोशिश की, तो जालसाज़ों ने ‘टैक्स पेमेंट’ की मांग की। शुरुआत में तो उसने टैक्स भी चुकाया, लेकिन जब रकम लगातार बढ़ने लगी, तो उसे धोखाधड़ी का शक हुआ और उसने साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई।

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