लंदन, 14 जून : साउथ अफ्रीका ने आखिरकार 27 वर्षों का लंबा इंतजार समाप्त करते हुए आईसीसी ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया है। 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से साउथ अफ्रीका को लगातार आईसीसी टूर्नामेंटों में निराशा का सामना करना पड़ा था। टीम ने कई बार शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन नॉकआउट चरण में पहुंचकर वह चोकर्स के रूप में पहचानी जाने लगी। इस बार, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 के फाइनल में साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुन: प्राप्त किया है।
हटाया चोकर का टैग, रचा इतिहास
ऐतिहासिक लॉड्र्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए इस फाइनल में, साउथ अफ्रीका ने अपने ऊपर लगे चोकर के टैग को भी हटा दिया, क्योंकि अकसर दक्षिण अफ्रीका फाइनल मैचों में हार जाता था। एडेन मार्करम के संघर्षपूर्ण शतक और टेम्बा बावुमा की कप्तानी पारी ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने न केवल ट्रॉफी जीती, बल्कि अपने चोकर्स के टैग को भी मिटा दिया।
जीत के हीरो रहे एडेन मार्करम
साउथ अफ्रीका की जीत के हीरो रहे एडेन मार्करम ने 207 गेंद में 136 रनों की पारी खेली। पहली पारी में मार्करम अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे। जब वह आउट हुए तो टीम को जीत के लिए सिर्फ 6 रनों की जरूरत थी।
मार्करम का बेहतरीन साथ निभाने वाले कप्तान टेम्बा बावुमा चौथे दिन के पहले सेशन में ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक पाए और 66 रन बनाकर आउट हुए। ऑस्ट्रेलिया ने कसी हुई गेंदबाजी की। साउथ अफ्रीका की टीम थोड़ी परेशानी में दिखी लेकिन अंत में टारगेट तक पहुंच गई। बेडिंघम और वेरेने की जोड़ी ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचा।
लॉड्र्स पर दूसरा सबसे बड़ा रन चेज
लॉड्र्स के मैदान पर यह टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा रनचेज है। इस मैच से पहले यहां सिर्फ चार बार ही चौथी पारी में 200 से ज्यादा का स्कोर चेज हो पाया था। अब साउथ अफ्रीका ने भी यह कमाल कर दिया है। इस मैदान पर सबसे बड़े रन चेज का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है।
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