नई दिल्ली, 7 अक्तूबर : अमेरिका और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ संबंध लगातार मज़बूत होते जा रहे हैं। पाकिस्तान के नेता अमेरिका को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था। इसके साथ ही, दोनों देश अब दुर्लभ खनिज निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
पाकिस्तानी समाचार चैनल डॉन के अनुसार, अमेरिका और पाकिस्तान ने दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर एक समझौते पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। अमेरिका के साथ इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए, पाकिस्तान ने नमूने के तौर पर दुर्लभ मृदा खनिजों की पहली खेप भेजी है।
अमेरिका पाकिस्तान में निवेश करेगा
सितंबर में, यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (यूएसएसएम) ने पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत, यूएसएसएम ने पाकिस्तान में खनिज प्रसंस्करण और विकास कार्यों में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई।
पाकिस्तान की योजना क्या है?
यह जानना ज़रूरी है कि दुर्लभ मृदा खनिज न केवल औद्योगिक विकास में सहायक हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, पाकिस्तान भी दुर्लभ मृदा खनिजों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल होना चाहता है, जिसके लिए वह अमेरिका को खुश करने की कोशिश कर रहा है।
पहली खेप में क्या भेजा गया था?
पाकिस्तान द्वारा अमेरिका को भेजी गई पहली खेप फ्रंटियर वर्क ऑर्गनाइजेशन (FWO) द्वारा तैयार की गई है। इस खेप में एंटीमनी, कॉपर कंक्रीट, साथ ही नियोडिमियम और प्रेजोडिमियम जैसे दुर्लभ मृदा खनिज शामिल हैं। यूएसएसएम ने इन दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति को “अमेरिका-पाकिस्तान रणनीतिक साझेदारी में एक मील का पत्थर” बताया है।
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