चंडीगढ़, 5 नवम्बर : पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन आखिरकार चंडीगढ़ छात्र आंदोलन के आगे झुक गया और छात्रों को अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने से रोकने के लिए हलफनामा लेने का फैसला आज देर शाम वापस ले लिया गया। कुलपति कार्यालय के सामने चल रहे ‘हलफनामा विरोधी मोर्चा’ के अनिश्चितकालीन धरने में डीन स्टूडेंट वेलफेयर (बॉयज) प्रो. अमित चौहान, डीन स्टूडेंट वेलफेयर (गर्ल्स) प्रो. नमिता गुप्ता और एसोसिएट डीन ने पहुंचकर फैसले को वापस लेने की घोषणा की और फैसले की लिखित प्रति छात्रों को सौंपी।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिखित निर्णय दिए जाने के बाद, ‘शपथपत्र विरोधी मोर्चा’ ने अपना धरना समाप्त कर दिया और नारे लगाकर अपनी जीत की खुशी का इजहार किया। इसे छात्र संघर्ष की जीत बताया गया। इस बीच, विद्यार्थी परिषद के सचिव अभिषेक डागर द्वारा पिछले सात दिनों से शपथपत्र के मुद्दे पर शुरू की गई भूख हड़ताल भी समाप्त कर दी गई।
उपाध्यक्ष अश्मीत सिंह, सचिव अभिषेक डागर और हाईकोर्ट में हलफनामे के खिलाफ याचिका दायर करने वाले छात्र अर्चित गर्ग समेत छात्र नेताओं ने बताया कि अथॉरिटी ने अपने लिखित फैसले में माना है कि पूरा हलफनामा तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से अपना केस वापस लेना होगा। याचिकाकर्ता ने भी इस पर सहमति जताई।
सीनेट की बहाली के लिए संघर्ष जारी
हलफनामे को लेकर मिली जीत के बाद छात्रों ने पीयू सीनेट को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के खिलाफ विरोध जारी रखने का ऐलान किया है। छात्र नेता जोबन ने बताया कि इस संबंध में ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ का गठन किया गया है, जो आगामी संघर्षों की रूपरेखा तय करेगा।
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