चंडीगढ़, 4 नवम्बर : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज कहा कि सिटी ब्यूटीफुल के मास्टर प्लान में फ्लाईओवर का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन ट्रिब्यून फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव क्यों बनाया जा रहा है? चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की बेंच ने इस प्रोजेक्ट पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन से पूछा कि चंडीगढ़ के मास्टर प्लान में शहर में कहीं भी फ्लाईओवर का जिक्र नहीं है और वे फ्लाईओवर बनाने का प्रोजेक्ट क्यों ला रहे हैं।
चंडीगढ़ लग्ज़री एसयूवी का शहर नहीं था पर…
पीठ ने यह भी स्पष्टीकरण माँगा कि क्या मास्टर प्लान को उचित रूप से अधिसूचित किया गया था और क्या इसमें संशोधन की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था। जवाब में, अधिवक्ता तनु बेदी ने कहा कि चंडीगढ़ का मास्टर प्लान 2015 में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद अधिसूचित किया गया था और इसमें कभी संशोधन नहीं किया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि चंडीगढ़ को कभी भी किसी अन्य महानगर की तरह नहीं माना गया।
चंडीगढ़ लग्ज़री एसयूवी का शहर नहीं था, बल्कि धीमी गति से चलने वाले वाहनों, साइकिलों और पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि शहर के परिवहन डिज़ाइन में सार्वजनिक परिवहन, साइकिलिंग और पैदल यात्रियों की आवाजाही को प्राथमिकता दी गई है, लेकिन इस क्षेत्र में भारी यातायात के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है।
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