November 20, 2025

सवां और सतलुज किनारे कानून की धज्जीयां उड़ाते हुए गैर कानूनी माइनिंग जारी

सवां और सतलुज किनारे कानून की...

रोपड़, 14 नवम्बर : रोपड़ ज़िले में सवां और सतलुज नदियों के किनारे रात में अवैध खनन का अड्डा बन गए हैं, जो सरकारी क़ानूनों का घोर उल्लंघन है। 10 और 11 नवंबर की मध्यरात्रि के दौरे के दौरान, ‘दर्जनों उत्खनन मशीनों और टिप्परों को फ्लडलाइट्स की रोशनी में खुलेआम काम करते देखा। इससे पता चलता है कि अवैध गतिविधि का पैमाना ज़िला अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई सीमा से कहीं ज़्यादा बड़ा है।

बार-बार की शिकायतों और हाल ही में हुई कानूनी कार्रवाई के बावजूद, आनंदपुर साहिब और नंगल उप-मंडलों के नदी तटों पर अवैध खनन बेरोकटोक जारी है। पंजाब में खनन की कानूनी अनुमति केवल सुबह से शाम तक ही है। लेकिन नदी के किनारे देर रात तक भारी मशीनरी खुलेआम रेत और बजरी की खुदाई, लोडिंग और परिवहन करती रही।

तीन पोकलेन मशीनें ज़ब्त की थीं : एसडीएम

नांगल के एसडीएम सचिन पाठक ने बताया कि उन्होंने हाल ही में सावन नदी के किनारे से तीन पोकलेन मशीनें ज़ब्त की थीं। उन्होंने कहा, “मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि इलाके में अवैध खनन फिर से शुरू हो गया है। ऐसा लगता है कि ये लोग आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी समारोह में अधिकारियों की व्यस्तता का फायदा उठा रहे हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

रोपड़ के डिप्टी कमिश्नर वरजीत सिंह वालिया ने भी सावन और सतलुज नदियों के किनारे हो रहे अवैध खनन की किसी भी जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने तस्वीरें और वीडियो देखकर कहा कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े और शोरगुल वाले काम, जो कई किलोमीटर दूर से दिखाई देते हैं, प्रवर्तन टीमों की नज़रों से कैसे छिपे रह सकते हैं।

टिप्परों की लम्बी कतारें ब्यां कर रही खनन की कहानी

टिप्पर भरती मशीनों का शोर 2 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता था, जिससे आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों की नींद में खलल पड़ रहा था। भलान और अलगरां के ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी अवैध गतिविधियाँ लगभग हर रात होती हैं। उनके अनुसार, हर सुबह रोपड़ की ओर जाने वाले टिप्परों की लंबी कतारें इस बात का सबूत हैं कि खुदाई कितनी व्यापक है।

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