नई दिल्ली, 6 दिसम्बर : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार और शुक्रवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर रहे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी। माना जा रहा है कि पुतिन के भारत दौरे से ट्रंप की भारत के प्रति नाराज़गी बढ़ी है। हालाँकि, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भू-राजनीति के तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद, रूस के साथ भारत के रिश्ते सबसे बड़े और मज़बूत रहे हैं।
दरअसल, एक समाचार चैनल से बात करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि किसी भी देश का दूसरे देश के साथ भारत के संबंधों पर वीटो लगाना गलत है। उनके इस बयान से साफ़ है कि उन्होंने अमेरिका को सीधा संदेश दिया है।
क्या अमेरिका नाराज़ है?
जब विदेश मंत्री जयशंकर से पूछा गया कि क्या पुतिन की उच्च-स्तरीय यात्रा का अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि वह पुतिन के निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए पश्चिमी प्रेस के पास नहीं जाएँगे। जयशंकर ने कहा कि पिछले 70-80 सालों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत और रूस दुनिया के सबसे मज़बूत रिश्तों में से एक रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस के चीन या यूरोप के साथ संबंधों में और दूसरे देशों के साथ हमारे संबंधों में भी यही हुआ है। लेकिन आप इसे लोगों की भावनाओं में देख सकते हैं।
‘भारत को अपने हितों के लिए खड़ा होना होगा’
जयशंकर ने ज़ोर देकर कहा कि भारत को अपने हितों के लिए खड़ा होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश की कूटनीति किसी दूसरे को खुश करने के लिए नहीं होती। पुतिन ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत में कोई कमी नहीं है और अमेरिका के साथ भारत का व्यापार समझौता जल्द ही पूरा हो जाएगा।
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