वाशिंटन, 31 मार्च : ईरान और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की अनुपस्थिति ने हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच एक बार फिर से तीखी बयानबाजी को जन्म दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है, जबकि ईरान ने अमेरिका के साथ सीधे संवाद को अस्वीकार कर दिया है।
हाल ही में, ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने यह जानकारी दी कि ईरान ने ओमान के माध्यम से ट्रंप के पत्र का उत्तर भेजा है, जिसमें उन्होंने तेहरान से एक नए परमाणु समझौते पर बातचीत करने का अनुरोध किया था।
दबाव की नीति के बीच बातचीत संभव नहीं
ईरान का स्पष्ट कहना है कि जब तक अमेरिका अपनी ‘अधिकतम दबाव’ की नीति को नहीं बदलता, तब तक किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा रही है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ईरान की इस स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि वे अमेरिका के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता को तब तक नहीं मानते जब तक कि अमेरिका अपनी वर्तमान नीतियों में बदलाव नहीं करता।
यह भी देखें :https://bharatdes.com/why-did-trump-say-dont-take-my-words-as-a-joke-i-will-be-back-again/

More Stories
अमेरिका में गोला-बारूद के साथ पाकिस्तानी छात्र गिरफ्तार, हमले की साजिश
भारत-कनाडा व्यापार समझौते से दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा: पटनायक
भारत, रूस सिविल प्रमाणु सहयोग पर समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे