वाशिंगटन, 3 अप्रैल : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पारस्परिक टैरिफ के साथ-साथ 25 प्रतिशत का ऑटो टैरिफ लागू कर किया। यह टैरिफ न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि दुनियां के सभी देशों के लिए प्रभावी होगा, जिसमें भारत भी शामिल है। इस स्थिति में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि अमेरिका को इस ऑटो टैरिफ से कितना लाभ होगा और भारत को इसके कारण कितना नुकसान उठाना पड़ेगा।
ट्रम्प के एक सहयोगी ने एक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि इस टैरिफ के लागू होने से अमेरिका को हर साल लगभग 100 बिलियन डॉलर, जो कि लगभग 8.6 लाख करोड़ रुपये के बराबर है, का लाभ हो सकता है।
भारत को हो सकता है नुकसान
दूसरी ओर, जानकारों ने यह बताया गया है कि 25 प्रतिशत के इस टैरिफ के कारण भारत को लगभग 31 अरब डॉलर, यानी 2.65 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान का सबसे अधिक प्रभाव भारत के ऑटो सेक्टर पर पड़ेगा, जो पहले से ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में यह समझना आवश्यक है कि अमेरिका को इस टैरिफ से किस प्रकार का आर्थिक लाभ प्राप्त होगा और भारत को इसके नकारात्मक प्रभावों का सामना कैसे करना पड़ेगा।
ट्रम्प के इस कदम से भारत को किन-किन क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह स्थिति न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। इस संदर्भ में, दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की जटिलता और भविष्य की संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है।
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