रोपड़ / होशियारपुर, 28 दिसम्बर : होशियारपुर जिले के तलवाड़ा में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा प्रस्तावित 18 मेगावाट का सोलर पावर प्रोजेक्ट पंजाब सरकार के ऐतराजों के चलते बीच में लटक गया है। जमीन के स्वामित्व और बीबीएमबी के अधिकारों को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब प्रोजेक्ट के भविष्य पर सवाल खड़े कर रहा है।
बीबीएमबी ने तलवाड़ा कस्बे में करीब 70 एकड़ जमीन पर इस सोलर प्रोजेक्ट की योजना बनाई थी, जिसे सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) द्वारा विकसित किया जाना था। इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी।
4,000 पेड़ों की कटाई पर सरकार का इनकार
पंजाब सरकार ने पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (PLPA) का हवाला देते हुए परियोजना स्थल पर मौजूद लगभग 4,000 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसी कारण परियोजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया।
8 करोड़ रुपये का निवेश दांव पर
बीबीएमबी अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड पहले ही बिजली निकासी के लिए ट्रांसमिशन लाइनों पर करीब 8 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। यदि प्रोजेक्ट रुकता है, तो यह पूरी राशि बेकार जाने का खतरा है। बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर राकेश गुप्ता ने बताया कि होशियारपुर के डिप्टी कमिश्नर ने पहले परियोजना के लिए अनुमति दी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया। वहीं, SJVN ने चेतावनी दी है कि देरी के कारण प्रोजेक्ट की लागत बढ़ रही है और वह इससे पीछे हट सकता है।
अतिरिक्त जमीन और अधिकारों पर विवाद
पंजाब सरकार का कहना है कि बीबीएमबी के पास मौजूद अतिरिक्त जमीन राज्य को लौटाई जानी चाहिए। साथ ही सरकार का तर्क है कि बीबीएमबी के पास सोलर पावर उत्पादन का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी इस मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। फिलहाल, प्रोजेक्ट का भविष्य सरकार और बीबीएमबी के बीच होने वाले फैसले पर टिका हुआ है।
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