पटियाला, 16 अप्रैल : पंजाब में बिजली चोरी के कारण पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को लगातार घाटा हो रहा है और पंजाबियों ने 2024-25 के नौ महीनों में प्रतिदिन लगभग 5.5 करोड़ रुपये की औसत से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी की है।
पीएसपीसीएल के सीमावर्ती और पश्चिमी जोन के 77 प्रतिशत फीडर घाटे में हैं, जहां पावरकॉम को उक्त अवधि के दौरान 1,442 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पंजाब में कुछ धार्मिक शिविर, पुलिस स्टेशन, किसान यूनियनों के सदस्य, राजनीतिक रूप से संबद्ध संगठन और यहां तक कि कुछ सरपंच भी कथित तौर पर ‘अवैध कुंडी’ कनेक्शन के जरिए बिजली चोरी कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015-16 में बिजली चोरी से 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो पिछले वित्त वर्ष में 2,050 करोड़ रुपये तक पहुंच गया तथा इसमें और वृद्धि हो सकती है। कुल 2,000 करोड़ रुपए में से अधिकांश चोरी उपभोक्ताओं द्वारा मीटर रीडिंग 600 यूनिट से कम रखने का परिणाम है, जो घरेलू उपभोक्ताओं के लिए निःशुल्क है।
बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी: विद्युत मंत्री
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा, “हमारा ट्रांसमिशन घाटा कम हो गया है और अब हमारा ध्यान बिजली चोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने पर है।” हमारी प्रवर्तन शाखा की टीमें ऐसी चोरियों को रोकने में सक्षम हैं।” पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन ने दावा किया कि जब उनकी टीमें गांवों में ‘अवैध कनेक्शन’ की जांच करती हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है। सीमा क्षेत्र में सेवा दे चुके एक वरिष्ठ इंजीनियर ने कहा, “स्थानीय राजनीतिक नेताओं से लेकर किसान यूनियनों के सदस्य और कभी-कभी पुलिस भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके हमारी टीमों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।”
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