October 6, 2025

इजरायल-ईरान युद्ध से भारतीय बासमती चावल को कितना नुकसान हो सकता है?

इजरायल-ईरान युद्ध से भारतीय बासमती...

नई दिल्ली, 20 जून: मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है और इन दोनों देशों के बीच संघर्ष के कारण इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। दरअसल, मध्य पूर्व में चल रही अनिश्चितताओं का भारतीय बासमती चावल क्षेत्र पर खासा असर पड़ने की संभावना है।

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारतीय बासमती चावल निर्यात में ईरान और इजराइल का हिस्सा 14 प्रतिशत था और मौजूदा तनाव का इस पर सीमित असर पड़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य पूर्व, अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों को निर्यात करने की भारत की क्षमता मांग जोखिम को कम करती है, लेकिन लंबे समय तक संकट रहने से इन क्षेत्रों में भुगतान में संभावित देरी हो सकती है।

अन्य कौन से क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं?

हालांकि, भारतीय बासमती चावल के अलावा उर्वरक और पॉलिश हीरे जैसे अन्य क्षेत्रों पर भी कुछ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन यह बासमती चावल क्षेत्र की तुलना में कम होने की उम्मीद है।घरेलू हीरा पॉलिश करने वालों के लिए, पिछले साल कुल हीरे के निर्यात में इज़रायल का योगदान लगभग 4 प्रतिशत था, जिससे इज़रायल मुख्य व्यापारिक केंद्रों में से एक बन गया। हालाँकि, तनाव के कारण पॉलिश करने वाले वैकल्पिक व्यापारिक केंद्रों के रूप में बेल्जियम और संयुक्त अरब अमीरात की ओर रुख कर सकते हैं।

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