नई दिल्ली, 29 जुलाई : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जिसके परिणामस्वरूप भारत-पाक सीमा पर हुई झड़प हुई, ने कई परिवारों को तबाह कर दिया था। इस त्रासदी में 26 लोग मारे गए थे। अब, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक मानवीय पहल करते हुए, इस संघर्ष में अपने माता-पिता या परिवार के एकमात्र कमाने वाले को खोने वाले 22 बच्चों की पूरी शिक्षा का खर्च उठाने का फैसला किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कारा ने कहा कि राहुल गांधी इन सभी 22 बच्चों की पूरी शिक्षा का खर्च उठाएँगे। ये वे बच्चे हैं जिनके परिवारों में कोई कमाने वाला नहीं बचा है। राहुल गांधी बुधवार को बच्चों को पहली किश्त देंगे। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह सहायता इन बच्चों के स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने तक जारी रहेगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बच्चों से मुलाकात के बाद झड़पें
यह घटना 7 मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक चले गतिरोध के बाद हुई है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन से जवाबी कार्रवाई की, जिसका सबसे ज़्यादा असर पुंछ ज़िले में देखने को मिला।
राहुल गांधी मई में पुंछ गए थे और स्थानीय लोगों से मिले थे। इस दौरान उन्होंने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने संघर्ष प्रभावित बच्चों से बातचीत की। इनमें 12 साल की जुड़वां बहनें उरबा फातिमा और ज़ैन अली भी शामिल थीं। राहुल गांधी ने बच्चों से कहा था, “मुझे तुम पर बहुत गर्व है। तुम अपने नन्हे दोस्तों को याद करते हो।”
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