October 6, 2025

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ रहा है तनाव, पंजाबी पेशेवरों में बढ़ रही चिंता

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ रहा है तनाव...

जालंधर/वाशिंगटन, 7 अगस्त : अमेरिका और भारत के बीच व्यापार युद्ध ज़रूर शुरू हो गया है, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों पर पड़ सकता है। इस तनाव को लेकर चिंताएँ पैदा हो गई हैं। ख़ासकर एच-1बी वीज़ा धारकों के लिए चिंता बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि ट्रंप सरकार पर पहले से ही दबाव है कि सरकार ऐसे पेशेवरों के प्रति बहुत नरम है। पंजाबी पेशेवरों का कहना है कि यह संकट का समय है। बड़ी संख्या में पंजाबी मूल के लोग या तो राजनीतिक शरण पर हैं या एच-1बी वीज़ा पर। पहले से ही, आव्रजन नीतियों ने वैध प्रवासियों के बीच भी चिंता पैदा कर दी है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्रंप के टैरिफ बम का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसानों के हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम अपने किसान भाइयों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़े हैं।

ग्रीन कार्ड धारकों के भी स्थायी निवासी की गारंटी नहीं

इस बीच, सीमा जाँच अब न केवल अवैध रूप से प्रवेश करने वालों को, बल्कि ग्रीन कार्ड धारकों और वीज़ा धारकों को भी उनके बयानों या यात्रा इतिहास के आधार पर निशाना बना रही है। जनता की टिप्पणियों में कहा गया है कि ग्रीन कार्ड धारकों को रहने का कोई गारंटीकृत अधिकार नहीं है। इससे कानूनी निवासियों के बीच व्यापक अनिश्चितता बढ़ गई है। अमेरिका में एक पंजाबी व्यवसायी का कहना है कि हाल ही में, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे एच-1बी वीजा का समर्थन करते हैं, जिससे वीजा धारकों को राहत मिली है। लेकिन इस बयान से उनके कई समर्थक नाराज़ हो गए, जो एक सख्त आव्रजन नीति की मांग कर रहे थे। अब जब कड़वाहट बढ़ रही है, तो ट्रंप पर दबाव बढ़ना स्वाभाविक है।

ऐसा माहौल पहले से ही है कि गैर-अमेरिकी इस वीजा पर अमेरिका आ रहे हैं और अपनी नौकरियां छीन रहे हैं। भारतीयों के पास इस समय सबसे ज्यादा एच-1बी वीजा हैं। पंजाब से एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रह रहे एक अन्य पंजाबी का कहना है कि अमेरिकी आव्रजन नीतियां भारतीयों के साथ भेदभाव करती हैं। अगर भारत के साथ रिश्ते ऐसे ही बिगड़ते रहे तो भविष्य में कभी भी वीजा रद्द किया जा सकता है। ट्रंप के सख्त कदमों ने एच-1बी वीजाधारकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

लंबे समय से नौकरी और कानूनी स्थिति वाले लोग भी सख्त नीतियों के लागू होने और अचानक बदलावों को लेकर चिंतित हैं, जिससे अमेरिका में काम करने और रहने के उनके अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। ट्रंप ने यह कहकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है कि भारत अमेरिका का अच्छा साझेदार नहीं है।

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