चंबा, 14 अगस्त : हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणि महेश यात्रा रोक दी गई है। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से यात्रा को हड़सर से आगे पूरी तरह रोक दिया है। इस बीच, धनछो के पास गिनाला में यात्रा पर आए एक तीर्थयात्री की पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मौत हो गई।
मृतक की पहचान 41 वर्षीय देवेंद्र सिंह पुत्र गोपी चंद निवासी गांव डोडा, जम्मू-कश्मीर के रूप में हुई है। इस दुखद हादसे से श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल है। 16 अगस्त को जन्माष्टमी पर मणि महेश झील में लघु स्नान होगा। इसके लिए हजारों श्रद्धालु मणि महेश जा रहे हैं, जो सड़क बंद होने और यात्रा प्रतिबंधों के कारण फंसे हुए हैं।
राजमार्ग पर भी कठिन यात्रा
भारी बारिश के कारण चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगहों पर भूस्खलन और चट्टानें गिरने से तीर्थयात्री घंटों फंसे रहे। प्रशासन के अनुसार, लगातार बारिश के कारण सड़क के कई हिस्सों पर बड़ी-बड़ी चट्टानें और मलबा गिरने से वाहन चालकों और पैदल यात्रियों की जान को गंभीर खतरा है। बारिश और मलबे के कारण सड़क पर कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी हुई है, जिसे जेसीबी मशीनों की मदद से खोलने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासन ने चंबा से आगे यात्रा पर प्रतिबंध लगाया
उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने श्रद्धालुओं और आम जनता से अपील की है कि वे मौसम ठीक होने तक तीर्थयात्रा पर न जाएँ और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आज चंबा मुख्यालय से बाहर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है और बिना अनुमति के किसी को भी हड़सर से ऊपर जाने की अनुमति नहीं है।
टोल फ्री नंबर जारी किए गए
यात्रा मार्ग पर तैनात प्रशासनिक और पुलिस टीमें लगातार स्थिति पर नज़र रख रही हैं। भारी बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, ऐसे में ज़रा सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। आपात स्थिति में श्रद्धालु और स्थानीय लोग तुरंत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर 98166-98166 या 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं के आवास की व्यवस्था की गई
इस बीच, तीर्थयात्रियों के लिए हड़सर और आसपास के इलाकों में अस्थायी आश्रय स्थलों और धर्मशालाओं में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है ताकि वे सुरक्षित रह सकें। हर साल हजारों तीर्थयात्रियों की आस्था का केंद्र बनने वाली मणिमहेश यात्रा इस बार लगातार बिगड़ते मौसम का सामना कर रही है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मौसम साफ होने और मार्ग पूरी तरह सुरक्षित होने के बाद ही यात्रा फिर से शुरू की जाएगी।
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